कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही में रियल एस्टेट क्षेत्र में रिटेलरों की चांदी रही। प्रमुख रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक की बुधवार (15 नवंबर) को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान रिटेलरों ने उच्च गुणवत्ता वाले रियल एस्टेट विकल्पों पर कब्जा जमाया, जिससे देश के मॉल्स में रिक्तता में कमी आयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली छमाही में देश के सात प्रमुख शहरों में टॉप टीयर मॉल में गुणवत्तापूर्ण रियल एस्टेट की सीमित आपूर्ति देखने को मिली। इस अवधि में दो लाख वर्ग फुट की वृद्धिशील आपूर्ति दर्ज की गयी। आने वाली तिमाहियों में इसमें इजाफा होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच सकल पट्टा 28 लाख वर्ग फुट रहा।
नतीजतन साल की पहली छमाही में मॉल में रिक्तता 6% रही। इसे 2020 में 13% की रिक्तता के मुकाबले शानदार वापसी के तौर पर देखा जा रहा है, जो देश में रियल एस्टेट क्षेत्र में रिटेल माँग में जबरदस्त तेजी की ओर इशारा करता है।
भारत में 88 ग्रेड ए मॉल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के बाद से रिटेलरों के आक्रामक विस्तार योजनाओं के साथ ही गुणवत्तापूर्ण रिटेल क्षेत्र की सीमित उपलब्धता की वजह से रिक्तता के स्तर में तेजी से गिरावट देखने को मिली है।
एनारॉक रीटेल के सीईओ ऐंड एमडी अनुज केजरीवाल ने कहा कि देश की मजबूत आर्थिक आधारभूत संरचना के साथ बुनियादी ढाँचा विकास और राजनीतिक स्थिरता की बदौलत रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी बने रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिटेल बाजार के वर्ष 2032 तक 2 लाख करोड़ डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है और यह 10% सीएजीआर की दर से वृद्धि करेगा।
यह क्षेत्र न सिर्फ देश की जीडीपी में उल्लेखनीय योगदान देता है, बल्कि सहायक उद्योगों में करोड़ों की संख्या में प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार के अवसर भी सृजित करता है। इसलिये यह क्षेत्र देश को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सपने को पूरा करने में अहम योगदान दे सकता है।
हालाँकि पिछले कैलेंडर वर्ष में किराये में उछाल देखने के बाद इस साल कुछ बाजारों में यह आमतौर पर अपरिवर्तित रहे। मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, पुणे, हैदराबाद और चेन्नई में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में समान रहे। मगर कोलकाता और बेंगलुरू में इसमें साल-दर-साल के आधार पर 5%-10% की गिरावट आयी है।
(शेयर मंथन, 15 नवंबर 2023)