कमजोरी के मौकों पर भारतीय शेयर बाजार को लगातार सहारा दे रहे म्यूचुअल फंडों को अक्टूबर में निवेशकों की काफी बेरुखी झेलनी पड़ी है। अक्टूबर महीने के दौरान निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों से कुल 46,793 करोड़ रुपये का निवेश निकाल लिया।
इससे पहले सितंबर में भी निवेशकों ने म्यूचुअल फंडों से कुल 45,655 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (एंफी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक निवेशकों की इस निकासी (रिडेंप्शन) का सबसे ज्यादा दबाव तय आमदनी का वादा करने वाले फिक्स्ड इन्कम प्लान पर दिखा है। इस श्रेणी में निवेशकों की ओर से अक्टूबर की निकासी 52,820 करोड़ रुपये की रही। इन स्कीमों पर निकासी का दबाव अक्टूबर में काफी बढ़ा है, क्योंकि सितंबर में इनकी कुल शुद्ध निकासी 26,665 करोड़ रुपये की थी।
गौरतलब है कि हाल में इन स्कीमों की ओर किये गये निवेश की गुणवत्ता पर काफी सवाल उठे हैं। यह अंदेशा जताया जा रहा है कि जिन ऋण-पत्रों (डेब्ट-पेपर) में इन स्कीमों ने पैसा लगा रखा है, उनमें से काफी ऋण-पत्र सुरक्षित नहीं हैं। तय आमदनी का वादा करने वाली स्कीमों का एक बड़ा निवेश विभिन्न कंपनियों की ओर जारी मियादी जमा योजनाओँ में होता है।
अक्टूबर में इक्विटी स्कीमों से भी निवेशकों ने 706 करोड़ रुपये की निकासी की है, जबकि सितंबर में इन स्कीमों में 604 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ था। बैलेंस्ड स्कीमों को भी अक्टूबर में 94 करोड़ रुपये की निकासी झेलनी पड़ी है। लेकिन दूसरी ओर निवेशकों ने लिक्विड या मनी मार्केट स्कीमों में 3,256 करोड़ रुपये और गिल्ट स्कीमों में 3,725 करोड़ रुपये का नया शुद्ध निवेश भी किया है।