कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रहने की संभावना है।
चीन और अमेरिका के बीच वॉशिंगटन में हुई डिप्टी स्तरीय व्यापार वार्ता में कोई प्रगति नहीं होने से आज तेल की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है, क्योंकि विश्व स्तर पर आर्थिक धीमेपन से तेल की माँग बाधित होने की आशंका से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को उम्मीद है कि चीन के साथ बेहतर करार हो जायेगा। लेकिन चीन का प्रतिनिधि मंडल पहले के कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार के बजाय गुरुवार को ही वॉशिंगटन से
लौटने पर विचार कर रहा है। ईआईए के अनुसार 4 अक्टूबर को समाप्त हफ्ते में अमेरिकी कच्चे तेल का भंडार 29 लाख बैरल बढ़ गया है, जो बाजार के अनुमान 14 लाख बैरल की बढ़ोतरी से अधिक है।
कच्चे तेल की कीमतें 3,820 रुपये पर रुकावट के साथ 3,700 रुपये स्तर पर पहुँच सकती है। इस बीच ओपेक ने नाइजीरिया को लक्ष्य 16.85 लाख बैरल प्रति दिन से अधिक 17.74 लाख बैरल प्रति दिन तेल उत्पादन करने की अनुमति दे दी है। नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में नरमी रह सकती है और कीमतों में 162 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 157 रुपये तक गिरावट दर्ज की जा सकती हैं। (शेयर मंथन, 10 अक्टूबर 2019)