बेस मेटल की कीमतों में मिला-जुला रुझान रहने की संभावना है।
तांबे की कीमतें 812-822 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। शंघाई और एलएमई में ज्यादातर बेस मेटल की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है क्योंकि रूस-यूक्रेन वार्ता पर व्यापक संदेह के बीच ऊर्जा की बढ़ती लागत के कारण कीमतों को मदद मिली। फिर भी, दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता चीन में माँग को लेकर चिंता बनी हुई है। चीन के वित्तीय केंद्र शंघाई ने कोरोना वायरस वृद्धि को रोकने के लिए दो-चरण का लॉकडाउन शुरू किया और कहा कि सभी कंपनियां और कारखाने मैनुफैक्चरिंग को निलंबित कर देंगे। आपूर्ति को देखें तो, दुनिया के सबसे बड़े तांबा उत्पादक कोडेल्को ने कहा है कि वह मार्च के अंत तक सालार डी मारिकुंगा में ड्रिलिंग शुरू कर देगा, और यह लगभग 10 महीने तक चलेगा। इस बीच, आईसीएसजी ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े तांबा उत्पादक देश पेरू और इंडोनेशिया से अधिक उत्पादन के कारण 2021 में खदान उत्पादन में लगभग 2.3% की वृद्धि हुई है। चीन के शीर्ष तांबा स्मेल्टरों ने 2022 की दूसरी तिमाही में तांबें के कॉन्स्टेंट के लिए फ्लोर ट्रीटमेंट और रिफाइनिंग चार्ज 80 डॉलर प्रति टन और आठ सेंट प्रति पाउंड निर्धारित किया है। निकल में उठापटक के साथ कारोबार हो सकता है और कीमतों को 2,400 रुपये पर सहारा और 2,490 रुपये पर अड़चन रह सकता है।
एल्युमीनियम की कीमतें नरमी के रुझान के कारोबार कर सकती है और 280 रुपये के सहारा और 286 रुपये पर बाधा रह सकता है। शिपिंग डेटा से पता चला है कि यूक्रेन में युद्ध के कारण कंपनी के वैश्विक संचालन में बाधा आने के कारण गिनी में रूसी एल्युमीनियम दिग्गज कंपनी रुसल की बॉक्साइट खदानों से अयस्क की खेप रुक गयी है।
जिंक में खरीदारी हो सकती है और कीमतों को 339 रुपये पर सहारा और 344 रुपये पर बाधा रह सकता है। लेड की कीमतें 179-184 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। यूरोपीय स्मेल्टर के बंद होने से जिंक की कीमतें रिकॉर्ड ऊँचाई के करीब पहुँच गयी है। ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि के कारण पहले से ही अधिक लागत से जूझ रही यूरोपीय स्मेल्टरों पर अधिक दबाव पड़ रहा है। (शेयर मंथन, 31 मार्च 2022)