रुपये में भारी गिरावट की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक लगातार आठवें दिन गिरावट के साथ बंद हुए।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 61 रुपये के स्तर से नीचे फिसल गया है। 22 मार्च 2013 के बाद यह बाजार का सबसे खराब सप्ताह रहा।
निफ्टी (Nifty) 5700 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे चला गया।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 153 अंक यानी 0.79% की गिरावट के साथ 19,164 पर बंद हुआ। निफ्टी 50 अंक यानी 0.87% गिर कर 5678 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 1.11% की गिरावट रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.40% और बीएसई स्मॉलकैप में 1.32% की गिरावट रही। आज के कारोबार में रियल्टी और पावर क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
सकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत हल्की मजबूती के साथ हुई। इस दौरान सेंसेक्स 19,452 और निफ्टी 5762 दिन के ऊपरी स्तरों पर रहे, लेकिन शुरुआती कारोबार में ही बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच कारोबार शुरू हो गया। कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार पर दबाव बना और यह फिसल कर लाल निशान पर चला गया। मिले-जुले यूरोपीय संकेतों के बीच घरेलू बाजर में एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। दोपहर के कारोबार में बाजार की गिरावट बढ़ी। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की गिरावट भी बढ़ती चली गयी। निफ्टी 5700 के स्तर से नीचे लुढ़क गया। कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार में गिरावट गहरायी। इस दौरान सेंसेक्स 19,079 और निफ्टी 5649 दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। हालाँकि कारोबार के आखिरी मिनटों में बाजार अपने निचले स्तरों से सँभला। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार में गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज रियल्टी क्षेत्र को सबसे ज्यादा 4.01% का घाटा हुआ। पावर में 3.77%, धातु में 3.65%, पीएसयू में 2.64%, कैपिटल गुड्स में 1.55%, एफएमसीजी में 1.40% और बैंकिंग में 1.36% की गिरावट रही। ऑटो और हेल्थकेयर दोनों में 0.63% व 0.63% की कमजोरी रही। दूसरी ओर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 5.38% की मजबूती रही। आईटी में 0.96%, टीईसीके में 0.55% की बढ़त रही। तेल-गैस में 0.08% की हल्की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 02 अगस्त 2013)
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