टी एस हरिहर
सीनियर वीपी, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
मेरा मानना है कि मुंबई में आतंकवादी हमले की घटनाओं से आज के बाजार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। नवंबर सीरीज में कुल मिला कर अब तक 50% से ज्यादा रोलओवर रहा है, जो पिछली बार की तरह का ही है। हालांकि इस महीने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से लगातार बिकवाली का रुझान दिखा है। साथ में विश्व अर्थव्यवस्था को लेकर बनी चिंताओं के असर को भी देखें, तो अभी बाजारों को एक लंबा सफर तय करना है। हमारा मानना है कि निफ्टी फिर से 2,250 के निचले स्तर को छू सकता है।
बाजार अगले एक साल में खुद को 2,500 से 3,300 के एक बड़े दायरे में जमाने (कंसॉलिडेट करने) की कोशिश कर सकते हैं, जब तक विश्व की वित्तीय व्यवस्था को लगी चोट का ठीक-ठीक पता नहीं चल पाता। घरेलू मोर्चे की बात करें, तो ऊँचे स्तरों पर खरीदारी का अभाव सबसे बड़ी समस्या बना रहेगा। अभी भी बाजार में “बढ़त पर बिकवाली” की धारणा है, इसलिए 3,000 के स्तर की ओर किसी भी उछाल को नये बिकवाली सौदों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। जहाँ तक खरीदारी की बात है, लंबी अवधि के निवेशक तेलशोधन (रिफाइनिंग), गैस और खनिज क्षेत्रों के शेयर जमा (एकम्युलेट) करना शुरू कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कम से कम 2-3 साल की अवधि ध्यान में रखनी चाहिए।
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