मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक सोमवार (04 नवंबर) को निफ्टी में शुरुआत के साथ ही मजबूत बिकवाली देखने को मिली और ये पूरे दिन दबाव में रहने के साथ ही 309 अंक (1.27%) टूट कर 23995 के स्तर पर बंद हुआ।
क्षेत्रवार, रियल्टी और ऑयल ऐंड गैस सूचकांकों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, ये क्रमश: 2.9% और 2.5% तक टूट गये। निफ्टी आईटी को छोड़कर अन्य सेक्टरों में भी उल्लेखनीय गिरावट देखी गई, जो सपाट बंद हुआ। अस्थिरता सूचकांक इंडिया विक्स भी 5% बढ़कर 16.7 के स्तर पर पहुँच गया।
बाजार में ये बिकवाली मुख्य तौर से अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को लेकर फैली घबराहट की वजह से हुई, क्योंकि इसके कारण वैश्विक नीति में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसके अलावा अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में सितंबर में 50 आधार अंकों की कटौती के बाद इस बार 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद की जा रही है।
विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं और अब तक आये निफ्टी की 34 कंपनियों के तिमाही नतीजे सालाना आधार पर सपाट रहे हैं। 31 अक्तूबर 2024 तक वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के नतीजे पेश कर चुकीं मोतीलाल ओसवाल के कवरेज वाली 166 कंपनियों में सालाना आधार पर बढ़त में 8% की गिरावट (17 तिमाहियों में सबसे कम) आयी है।
सकारात्मक पक्ष यह है कि अक्टूबर में ऑटो कंपनियों की बिक्री उम्मीद से बेहतर रही, क्योंकि त्योहारी सीजन और ओईएम द्वारा दी जाने वाली छूट के कारण उपभोक्ता माँग में तेजी आई। हमारा अनुमान है कि कई वैश्विक घटनाओं, एफआईआई की लगातार बिकवाली और अब तक घरेलू कंपनियों की कमजोर आय के कारण बाजार में सुस्ती बनी रहेगी। यह सप्ताह महत्वपूर्ण होगा क्योंकि सूचकांक की कई दिग्गज कंपनियों के नतीजे घोषित होंगे और चुनिंदा शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है।
(शेयर मंथन, 04 नवंबर 2024)
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