बाजार की मौजूदा तेजी मुख्य रूप से नकदी (लिक्विडिटी) आने की वजह से है और इसका आना कब तक जारी रहेगा, इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।
अभी अमेरिकी बाजार में राहत मिलने के चलते इस नकदी का प्रवाह जारी है। लेकिन क्या मौजूदा रफ्तार से ही आगे जारी रहेगी, इसका मुझे पूरा भरोसा नहीं है। अभी भारत में बुनियादी मोर्चे पर स्थितियाँ एक हद से ज्यादा नहीं बदली हैं। इसलिए छह महीने आगे की सोच कर बाजार किसी एक बिंदु पर जाकर रुक जायेगा।
लेकिन मेरा मानना है कि बाजार में चुनिंदा शेयरों में निचले स्तरों पर अवसरों को पकड़ना चाहिए। निफ्टी और सेंसेक्स को भले ही ऊपर जाने में संघर्ष करना पड़े क्योंकि कोई-न-कोई क्षेत्र इन्हें नीचें खींच लेगा, लेकिन चुनिंदा शेयर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। अभी मुझे लगता है कि आईटी क्षेत्र बाजार को नीचे खींच सकता है, जबकि बैंक शेयर इसे सहारा दे सकते हैं। इसलिए अभी आईटी में बिकवाली और बैंक शेयरों में खरीदारी करना अच्छा होगा। मैं आईटी में मंदी का नजरिया लेकर नहीं चल रहा, लेकिन अभी यह बाजार को कुछ नीचे ला सकता है, जबकि बैंक शेयरों से इसे सहारा मिलेगा।
अभी संभावना है कि डॉलर की कीमत एक बार 59-60 रुपये तक आ सकती है। इसकी कीमत पहले 63-64 जायेगी या पहले 59-60 पर आ जायेगी, यह कहना मुश्किल है। अगर एफआईआई खरीदारी रुक जाये और वे पैसा बाहर ले जाने लगें तो जरूर 63-64 का स्तर आ सकता है। लेकिन ऐसा नहीं होने पर हमें पहले 59-60 का स्तर दिख सकता है, क्योंकि डॉलर का आना जारी है।
मौजूदा तेजी में निफ्टी 6300 के स्तर तक जा सकता है, जहाँ इसके अटकने की संभावना रहेगी और शायद यह अपना रिकॉर्ड ऊपरी स्तर पार न कर पाये। हालाँकि अभी निफ्टी की तुलना में सेंसेक्स अपने रिकॉर्ड ऊपरी स्तर के ज्यादा पास है। अभी तुरंत बाजार के लिए नया रिकॉर्ड स्तर बनाना मुश्किल लगता है और अगर बना भी तो बाजार वहाँ टिकेगा नहीं। इसीलिए मैं नया रिकॉर्ड स्तर बनने को बहुत महत्व नहीं दे रहा। वह आज-कल कभी भी हो सकता है, लेकिन इसके ऊपर टिक पाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। ऊपर टिक पाने के लिए तेजी में जिन दिग्गज शेयरों की सहभागिता जरूरी है, उनकी सहभागिता अभी दिख नहीं रही है। देवेन चोकसी, एमडी, केआर चोकसी सिक्योरिटीज (Deven Choksey, MD, KR Choksey Securities)
(शेयर मंथन, 22 अक्टूबर 2013)
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