इससे उद्यमियों के आत्मविश्वास पर भी बुरा असर होगा। जो एफआईआर दर्ज कराया गया है, उसमें यह बात नहीं देखी गयी है कि वैश्विक बाजार में गैस की कीमत कितनी है। अगर गैस का घरेलू उत्पादन करने के बदले इसका आयात किया जाये तो मौजूदा कीमत की तुलना में करीब तिगुनी कीमत चुकानी पड़ेगी।
इस तरह के कदमों से भारत की आर्थिक प्रगति पर कुप्रभाव होगा। निकट भविष्य में इससे काफी नुकसान होगा, जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल होगा। इस माहौल में निवेशक शेयर बाजार से दूर हो जायेंगे। निवेशकों को इससे चिंता होगी और भारत निवेश आकर्षित नहीं कर पायेगा। इसका असर केवल एक कंपनी पर नहीं होगा, बल्कि पूरे बाजार पर होगा। जब निवेशकों को पूरे बाजार को लेकर घबराहट होगी तो वे हर तरफ से अपना पैसा निकालने लगेंगे। घबराहट विदेशी और घरेलू दोनों तरह के निवेशकों में होगी। डर तो घरेलू निवेशकों को भी लगता है!
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