यूरोपीय शेयर बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बावजूद भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक भारी गिरावट के साथ बंद हुए।
निफ्टी (Nifty) 5,500 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे फिसल गया।
बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 306 अंक यानी 1.67% की कमजोरी के साथ 18,022 पर रहा। निफ्टी 89 अंक यानी 1.61% की गिरावट के साथ 5,417 पर बंद हुआ। एनएसई के मँझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 1.85% की कमजोरी रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.63% और बीएसई स्मॉलकैप में 1.44% की गिरावट रही। आज के कारोबार में रियल्टी और ऑटो क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
एशियाई शेयर बाजारों से मिल रहे मजबूत संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों की शुरुआत बढ़त के साथ हुई। कारोबार के शुरुआती मिनटों में सेंसेक्स 18,452 और निफ्टी 5,539 तक चढ़ गये। लेकिन बाजार में यह बढ़त ज्यादा देर तक कायम न रह सकी और यह शुरुआती बढ़त गवाँ कर लाल निशान पर चला गया। निफ्टी 5,500 के नीचे चला गया। कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार की गिरावट में और बढ़ोतरी हुई। हालाँकि कुछ ही देर के बाद यह कुछ सँभल गया। फिर बाजार में लाल निशान पर ही एक सीमित दायरे में कारोबार होता रहा। दोपहर के कारोबार में बाजार की गिरावट में इजाफा हुआ। दोपहर बाद के कारोबार में यूरोपीय शेयर बाजारों से मिल रहे सकारात्मक संकेतों के बावजूद भारतीय बाजार की गिरावट में और बढ़ोतरी हुई। सेंसेक्स 18,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे चला गया। निफ्टी भी 5,400 के स्तर के करीब पहुँच गया। इस गिरावट के दौरान सेंसेक्स 17,982 और निफ्टी 5,402 तक लुढ़क गये। हालाँकि कारोबार के अंतिम घंटों में बाजार कुछ सँभला। सेंसेक्स 18,000 के स्तर के पार चला गया। कारोबार के अंतिम मिनटों में सेंसेक्स एक बार फिर 18,000 के स्तर ने नीचे फिसल गया। आखिरकार सेंसेक्स 18,000 के ऊपर बंद होने में सफल रहा।
क्षेत्रों के लिहाज से आज रियल्टी सूचकांक में सबसे ज्यादा 4.04% की गिरावट रही। ऑटो को 2.83%, कैपिटल गुड्स को 2.49%, तेल-गैस को 2.10%, एफएमसीजी को 2.02%, पावर को 1.53%, बैंकिंग को 1.44%, हेल्थकेयर को 1.37%, टीईसीके को 1.28% और आईटी को 1.07% का घाटा सहना पड़ा। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.91%, पीएसयू में 0.87% और धातु में 0.80% की कमजोरी रही। (शेयर मंथन, 01 फरवरी 2011)
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