बड़े शहरों में लोग अब मुख्य स्थानों पर रहने के बजाय बाहरी इलाकों को ज्यादा पसंद करने लगे हैं। इसका पता रियल एस्टेट पर परामर्श प्रदान करने वाली कंपनी एनारॉक के ताजा अध्ययन से चल रहा है। इस पर मंगलवार (10 दिसंबर) को रिपोर्ट जारी की गयी है। इसके मुताबिक हाल के कुछ वर्षों में बड़े शहरों के बाहरी इलाकों में आवासीय संपत्ति के भाव मुख्य स्थानों की तुलना में तेजी से बढ़े हैं।
एनसीआर के बाजार में दिख रहा ऐसा फर्क
एनारॉक के शोध में पता चला है कि पिछले 6 सालों के दौरान कई बड़े शहरों में बाहरी इलाकों ने आवासीय संपत्तियों के दाम में वृद्धि के मामले में प्रमुख इलाकों को मात दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को ही देखें तो यह बात स्पष्ट होती है। एनसीआर में नोएडा एक्सप्रेसवे के बाहरी इलाके में 2019 में आवासीय संपत्तियों की कीमत 5,075 रुपये प्रति वर्ग फीट थी, जो इस साल की तीसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में 66% बढ़कर 8,400 रुपये हो गयी। इसकी तुलना मुख्य इलाकों में गिने जाने वाले राज नगर एक्सटेंशन से करें तो वहाँ इस दौरान भाव सिर्फ 55% बढ़ा। राज नगर एक्सटेंशन में आवासीय कीमत 2019 में 3,260 रुपये थी, जो अब बढ़कर 5,050 रुपये हो गयी है।
बेंगलुरू, मुंबई और पुणे में भी बदली दिशा
इसी तरह का बदलाव बेंगलुरू में भी दिखता है, जहाँ मुख्य इलाके गुंजूर में घरों की कीमत में 69% की तेजी आई है। यहाँ 2019 में कीमतें 5,030 रुपये प्रति वर्ग फुट थीं, जो 2024 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 8,500 रुपये पर पहुच गईं। इसकी तुलना में थानीसांद्रा के मुख्य क्षेत्र में अलोच्य अवधि के दौरान 62% की तेजी आयी, लेकिन बाहरी इलाके गुंजूर में आवासीय संपत्तियाँ 69% महँगी हो गयीं। आलोच्य अवधि के दौरान मुंबई के बाहरी इलाके पनवेल में कीमतों में 58% की तेजी आयी है, जबकि मुख्य इलाकों में गिने जाने वाले वर्ली में 37% और परेल में 49% की तेजी आयी है। इसी तर्ज पर पुणे में वाघोली के बाहरी इलाके में भाव 37%, जबकि वकाड के मुख्य इलाके में सिर्फ 27% बढ़े। चेन्नई में भी यही हाल है, जहाँ बाहरी इलाके नवलुर में 54%, जबकि मुख्य स्थान अन्ना नगर में 35% तेजी आयी है।
इन शहरों में मुख्य इलाके ही भारी
हालाँकि सभी बड़े शहरों में ऐसा नहीं हुआ है। उदाहरण के लिए हैदराबाद को देखें, जहाँ मुख्य इलाकों में बाहरी इलाकों से ज्यादा कीमतें बढ़ी हैं। हैदराबाद के मुख्य इलाके गाचीबाउली में 86% की तेजी के मुकाबले बाहरी इलाके कोम्पल्ली में सिर्फ 49% तेजी दिखी है। कोलकाता में मुख्य इलाके जोका में भाव 51% बढ़ा है, लेकिन मध्यमग्राम के बाहरी इलाके में सिर्फ 43% तेजी आयी है।
इन कारणों से बदलाव की हवा हुई तेज
एनारॉक समूह के उपाध्यक्ष संतोष कुमार इसकी वजह बताते हैं। वह कहते हैं, 'कई बड़े शहरों में लोगों को बाहरी इलाकों में मुख्य इलाकों की तुलना में दाम ज्यादा बढ़ने की संभावनाएँ देख रहे हैं।' उन्होंने पिछले कुछ सालों में ऐसा होते देखा है। इसके अलावा बेहतर संपर्क और कई बाहरी इलाकों में विकास ने वहाँ जीवन यापन को बेहतर बनाया है। पिछले कुछ सालों में बाहरी इलाकों में लग्जरी परियोजनाएँ आयी हैं। स्वाभाविक है इस कारण भी औसत आवासीय कीमतों में उछाल आयी है। शहरों के बाहरी इलाकों में पर्याप्त जमीनें उपलब्ध होने से डेवलपर भी अपना ध्यान वहीं केंद्रित कर रहे हैं। कोविड के बाद बाहरी इलाकों को प्राथमिकता देने में ज्यादा तेजी आयी है।
(शेयर मंथन, 11 दिसंबर 2024)
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