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निफ्टी (Nifty) को 5450-5550 के स्तरों पर मिलेगी बाधा: एसएमसी (SMC)

एसएमसी ग्लोबल (SMC Global) का कहना है कि बीते हफ्ते बढ़ती महँगाई, बढ़ती ब्याज दरें और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली की वजह से बाजार पर दबाव कायम रहा।

ब्रोकिंग फर्म ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत का औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी यानी इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) 20 महीनों के नीचे स्तर पर आ गया है। दिसंबर 2010 में आईआईपी 1.6% की दर से बढ़ा है। नवंबर महीने में आईआईपी बढ़ने की दर 2.7% थी।
ब्रोकिंग फर्म का कहना है कि अभी भी आरबीआई (RBI) का ध्यान महँगाई को नियंत्रित करने पर ही रहेगा। इसलिए यह उम्मीद है कि आरबीआई आगामी 17 मार्च 2011 को होने वाली अपनी मध्य अवधि मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी कर सकता है। इसके अलावा आने वाले समय में बाजार की नजर आगामी बजट पर भी रहेगी।
ब्रोकिंग फर्म का कहना है कि नतीजों का मौसम चल रहा है। बाजार की नजर इस बात पर रहेगी कि कंपनियाँ अपने तिमाही नतीजों में इस कारोबारी साल के बाकी समय के बारे में किस तरह के अनुमान सामने रखती हैं। आने वाले हफ्ते में जिन कंपनियों के नतीजें घोषित हो रहे हैं, उनमें कोल इंडिया (Coal India), टाटा स्टील (Tata Steel), टाटा पावर (Tata Power), रिलायंस इन्फ्रा (Reliance Infra), यूनिटेक (Unitech) और आरकॉम (RCom) कुछ खास नाम हैं।
निफ्टी (Nifty) के बारे में ब्रोकिंग फर्म का अनुमान है कि 5450-5550 के स्तरों पर इसे बाधा मिलेगा, जबकि सेंसेक्स (Sensex) के लिए ये बाधा स्तर 18200 और 18600 हैं। (शेयर मंथन, 12 फरवरी 2011)

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