नोटबंदी की दूसरी सालगिरह पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर एक "योजनाबद्ध षड्यंत्र" और "आपराधिक वित्तीय घोटाले" के रूप में निर्णय लेने के लिए कथित तौर पर अपने "सूट-बूट वाले दोस्तों" की मदद करने के उद्देश्य से निर्णय लिया था।
पीएम ने अपने दोस्तो के काले धन को सफेद करने में उनकी मदद की।
बाद में कांग्रेस पार्टी की तरफ से जारी किये गये एक बयान में कहा गया कि 8 नवंबर का दिन हमेशा भारत के इतिहास में काला दिवस के रूप में मनाया जायेगा। आगे कहा कि भारत खोजेगा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार इसे कैसे छिपाने की कोशिश करती है। यह एक सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध, आपराधिक वित्तीय घोटाला था।
नोटबंदी एक त्रासदी थी। त्रासदियों के इतिहास में यह अद्वितीय है क्योंकि यह एक आत्मनिर्भर, आत्मघाती हमला था, जिसने लाखों लोगों को नष्ट कर दिया और हजारों भारत के छोटे व्यवसायों को बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से सबसे अधिक किसी की परेशानी बढ़ी तो वह देश का गरीब वर्ग था, जिन्हें अपनी छोटी बचत से जमाक किये धन को बदलने के लिए मजबूर होकर कई दिनों तक म कतार में लगना पड़ा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि बैंकों के बाहर प्रतिबंधित नोटों को बदलने के लिए कतारों में लगे सैकड़ों लोगों ने अपनी जिंदगी गंवा दी। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी की नोटबंदी ने ढाई मिलियन नौकरियां चली गयी और हमारे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को कम से कम एक प्रतिशत घटा दिया। (शेयर मंथन, 09 नवंबर 2018)