घरेलू कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर छमाही में आईपीओ (IPO) के जरिये 12,470 करोड़ रुपये जुटाये।
यह पूँजी 10 कंपनियों ने जुटायी है। हालाँकि यह रकम पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में 19 कंपनियों द्वारा जुटाये गये 26,720 करोड़ रुपये के मुकाबले 53% कम है। जानकार इस गिरावट का कारण अस्थिर इक्विटी बाजार और मैक्रो अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता को मान रहे हैं। अधिक तेल की कीमतों, गिरते रुपये और अमेरिका-चीन के बीच चल रहे व्यापार विवाद के कारण कुछ जानकारों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी आईपीओ बाजार के कमजोर रहने की आशंका जतायी है। इससे पहले वित्त वर्ष 2016-17 के पहले 6 महीनों में 15 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 16,535 करोड़ रुपये जुटाये थे।
अप्रैल-सितंबर में जिन कंपनियों ने आईपीओ के जरिये सबसे अधिक पूँजी जुटायी उनमें वैरॉक इंजीनियरिंग (1,950 करोड़ रुपये), इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस (1,844 करोड़ रुपये), आवास फाइनेंशियर्स (1,734 करोड़ रुपये), क्रेडिटऐक्सेस ग्रामीण (1,131 करोड़ रुपये) और टीसीएनएस क्लोथिंग (1,125 करोड़ रुपये) शामिल हैं। (शेयर मंथन, 08 अक्टूबर 2018)
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