2018 के बजट में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए 1,400 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा -
- पशुपालन और मछली पालन क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नये कोष बनायेगी सरकार
- 8 करोड़ ग़रीब महिलाओं को मुफ़्त गैस कनेक्शन
- 11 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज देने का प्रस्ताव
- अगले वित्त वर्ष में दो करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य
- 1,290 करोड़ रुपये से राष्ट्रीय बाँस मिशन का प्रस्ताव
- 50 करोड़ गरीब लोगों को हर साल 5 लाख रुपये का कैशलेश स्वास्थ्य बीमा
- 10 करोड़ परिवारों के लिए हेल्थ प्रोटैक्शन
- दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना
- इस स्वास्थ्य बीमा योजना को आगे भी बढ़ाया जा सकता है
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र 8% की दर से बढ़ रहा है
- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटन दोगुना कर 1,400 करोड़ रुपये
- मछली पालन और पशु पालन से जुड़े लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड दिये जायेंगे
- 42 मेगा फूडपार्क में अत्याधुनिक सुविधायें देंगे
- 6 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हो चुका है
- 4 करोड़ गरीब परिवारों में बिजली पहुँचायी
- ग्रामीण इलाकों में एक करोड़ घर बनाये जा रहे हैं
- 2022 तक हर गरीब के पास अपना घर हो
- शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकानों के लिए मदद दी गयी
- एक साल में 51 लाख ग्रामीण गरीबों को घर देंगे
- जनजातीय लोगों को अच्छी शिक्षा देने पर जोर
- आदिवासियों के लिए एकलव्य स्कूल
- गरीब मध्यम वर्ग को आवास ऋण पर ब्याज दरों में राहत दी गयी
- शिक्षा का स्तर चिंता का विषय है, स्तर सुधारने के लिए चार साल में 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किया गया
- शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड
- 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये सालाना की चिकित्सा खर्च उपलब्ध करायेंगे
- गरीबों को पाँच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा हर साल
- हर साल 1 हजार प्रतिभावान इंजीनियर छात्रों को प्रधानमंत्री फेलोशिप
- हेल्थ वेलनेस सेंटर के लिए 1,200 करोड़ रुपये
- 3,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों में 800 से ज्यादा दवाइयाँ मुफ्त दी जा रही हैं। (शेयर मंथन, 01 फरवरी 2018)
- पशुपालन और मछली पालन क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नये कोष बनायेगी सरकार
- 8 करोड़ ग़रीब महिलाओं को मुफ़्त गैस कनेक्शन
- 11 लाख करोड़ रुपये का कृषि कर्ज देने का प्रस्ताव
- अगले वित्त वर्ष में दो करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य
- 1,290 करोड़ रुपये से राष्ट्रीय बाँस मिशन का प्रस्ताव
- 50 करोड़ गरीब लोगों को हर साल 5 लाख रुपये का कैशलेश स्वास्थ्य बीमा
- 10 करोड़ परिवारों के लिए हेल्थ प्रोटैक्शन
- दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना
- इस स्वास्थ्य बीमा योजना को आगे भी बढ़ाया जा सकता है
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र 8% की दर से बढ़ रहा है
- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटन दोगुना कर 1,400 करोड़ रुपये
- मछली पालन और पशु पालन से जुड़े लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड दिये जायेंगे
- 42 मेगा फूडपार्क में अत्याधुनिक सुविधायें देंगे
- 6 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हो चुका है
- 4 करोड़ गरीब परिवारों में बिजली पहुँचायी
- ग्रामीण इलाकों में एक करोड़ घर बनाये जा रहे हैं
- 2022 तक हर गरीब के पास अपना घर हो
- शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकानों के लिए मदद दी गयी
- एक साल में 51 लाख ग्रामीण गरीबों को घर देंगे
- जनजातीय लोगों को अच्छी शिक्षा देने पर जोर
- आदिवासियों के लिए एकलव्य स्कूल
- गरीब मध्यम वर्ग को आवास ऋण पर ब्याज दरों में राहत दी गयी
- शिक्षा का स्तर चिंता का विषय है, स्तर सुधारने के लिए चार साल में 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किया गया
- शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड
- 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये सालाना की चिकित्सा खर्च उपलब्ध करायेंगे
- गरीबों को पाँच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा हर साल
- हर साल 1 हजार प्रतिभावान इंजीनियर छात्रों को प्रधानमंत्री फेलोशिप
- हेल्थ वेलनेस सेंटर के लिए 1,200 करोड़ रुपये
- 3,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों में 800 से ज्यादा दवाइयाँ मुफ्त दी जा रही हैं। (शेयर मंथन, 01 फरवरी 2018)