गुरुवार को यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में आयी कमजोरी के बाद शुक्रवार की सुबह एशियाई बाजारों में गिरावट है। भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजे शंघाई कंपोजिट में 3.5% से अधिक कमजोरी है। निक्केई, हैंग सेंग, जकार्ता कंपोजिट और ताइवान वेटेड में 2-2.5% की गिरावट है। स्ट्रेट टाइम्स में 1.5% की कमजोरी है। कॉस्पी में भी हल्की गिरावट है।
अमेरिका की तीन बड़ी ऑटो कंपनियों को राहत दिये जाने की तात्कालिक आशाओं के धूमिल होने की खबरों के बीच गुरुवार के कारोबार में डॉव जोंस 445 अंकों या 5.6% की कमजोरी के साथ बंद हुआ।
हालांकि इसी आशा में अमेरिकी बाजारों में शुरुआती दौर में उत्साह दिखायी पड़ा था। इस बीच तेल की कीमतों में आयी गिरावट ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों पर भारी पड़ी। बाजार इस बात से चिंतित है कि अमेरिकी प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाला राहत पैकेज बैंकों के घाटों को पाटने के लिए पर्याप्त साबित नहीं होगा। इसकी वजह से वित्तीय संस्थाओं से संबंधित शेयरों में काफी गिरावट दर्ज की गयी। विश्लेषकों का मानना है कि दिन के आखिरी घंटों में आयी इस तरह की बिकवाली इसी बात की ओर संकेत करती है कि अर्थव्यवस्था के संभावित भविष्य के प्रति निवेशकों की निराशा में बढ़ोतरी ही हो रही है। नाइमेक्स में कच्चे तेल का भाव 4 डॉलर गिर कर 49.62 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। नैस्डैक कंपोजिट में भी 5% से अधिक की कमजोरी देखी गयी। यूरोप में गुरुवार के कारोबार में एफटीएसई 100, डैक्स और कैक 40 में 3-3.5% की गिरावट दर्ज की गयी।