राजीव रंजन झा बस एक नाम ने शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में लाल-हरे निशानों के बीच झूलते सूचकांकों को एकदम से उछाल दिया। अमेरिकी निवेशकों को पता चला कि टिमोथी गिटेनर देश के नये वित्त मंत्री (वित्त सचिव, शाब्दिक रूप से) बनने वाले हैं। इस खबर से उनके उत्साह का पारा एकदम सातवें आसमान पर चला गया और डॉव जोंस 6.54% ऊपर। कौन हैं टिमोथी गिटेनर? आपको जान कर शायद धक्का लगेगा कि गिटेनर साहब की निगहबानी में ही लेहमान ब्रदर्स को दीवालिया होने देने का फैसला किया गया, कम से कम कुछ लोग ऐसा ही मानते हैं। इसके बावजूद अगर अमेरिकी बाजार उनके वित्त मंत्री बनने की संभावना पर इतना उछल रहा है, तो इसकी दो वजहें हैं। शायद पहली वजह तो वर्तमान वित्त मंत्री से निराशा है, और बाजार उनसे निजात पाने की खुशी दिखा रहा है। नाकामयाबी हमेशा ही निराशा पैदा करती है और वर्तमान बुश प्रशासन मौजूदा संकट की गहराई समझने या इसका सामना करने में विफल रहा है, यह तो मानना ही पड़ेगा। दूसरी वजह यह है कि बाजार को गिनेटर के रूप में एक ताजगी का अहसास हो रहा है। शायद उनके आने से वित्तीय संकट से निपटने के तौर-तरीकों में एक नयी सोच दिखेगी। 47 साल के गिटनेर तुलनात्मक रूप से युवा हैं, लेकिन अमेरिकी वित्त मंत्रालय के लिए नये नहीं हैं। वे इस बात के पक्षधर हैं कि समूची वित्तीय व्यवस्था में बड़े स्तर पर बदलाव किया जाये। लेहमान ब्रदर्स को डूबने देने के फैसले में अगर उनकी भूमिका रही हो, तो एआईजी और जेपी मॉर्गन को बचाने के फैसलों में भी वे उतने ही भागीदार रहे हैं। बराक ओबामा को अपने वित्त मंत्री के रूप में ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी, जो एक नयी सोच सामने रख सकता हो, आर्थिक मामलों का गहरा जानकार हो, अंतरराष्ट्रीय वित्त-व्यवस्था से परिचित हो। एक ऐसा व्यक्ति, जो नया चेहरा तो हो, लेकिन मौजूदा संकट से भली-भांति परिचित भी। यह उम्मीद की जा रही है कि गिनेटर बंधी-बंधायी लीक पर चलने के बदले कुछ नया करेंगे। वास्तव में मंदी की गिरफ्त में जा चुकी अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में उन्हें कितनी कामयाबी मिलेगी और कितना वक्त लगेगा, यह तो समय के साथ ही पता चलेगा। लेकिन फिलहाल उनके नाम से बाजार में एक उम्मीद जगायी है, और बाजार तो उम्मीदों के सहारे ही चलता है!
डॉनल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले हैं। जनवरी में उनका अगला कार्यकाल शुरू होगा। अमेरिका में 100 साल से ज्यादा समय में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई राष्ट्रपति एक चुनाव हारने के बाद वापसी करने में कामयाब हुआ है।
निवेश मंथन पत्रिका के डिजिटल संस्करण का नियमित ग्राहक बनने के लिए कृपया नीचे दिये हुए क्यूआर कोड को स्कैन करके भुगतान करें और इस फॉर्म को भर कर सबमिट करें।