देश के प्रमुख उद्योग संगठन फिक्की ने अक्टूबर महीने में निर्यात में 12% की कमी को काफी बड़ी गिरावट बताते हुए सरकार से मांग की है कि वह तुरंत ही निर्यातकों को राहत देने के लिए एक पैकेज लाये। फिक्की के महासचिव डॉक्टर अमित मित्रा ने कहा है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब 18% योगदान निर्यात की गयी वस्तुओं का है, इसलिए निर्यात में यह कमी अगली तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर पर एक बड़ा असर डालेगी।
डॉ. मित्रा ने सचेत किया है कि अगर सरकार तुरंत ही निर्यातकों के लिए एक संपूर्ण पैकेज की घोषणा नहीं करती, तो इस साल निर्यात में गिरावट का सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। डॉक्टर मित्रा का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में माँग की कमी और मौजूदा कर्ज संकट के मद्देनजर सरकार को भारतीय निर्यातकों की सहायता के लिए तुरंत आगे आना चाहिए। उनके मुताबिक अक्टूबर में चमड़ा उद्योग, फुटवियर, हथकरघा, कपड़ा (टेक्सटाइल) और रत्न-आभूषण (जेम्स एंड ज्वेलरी) जैसे श्रम-प्रधान उद्योगों का उत्पादन घटा होगा। डॉ. मित्रा ने कहा है कि इन हालातों में सरकार को घरेलू मोर्चे पर भी माँग में बढ़ोतरी के लिए प्रयास करना चाहिए ताकि निर्यातक आने वाले महीनों में घरेलू बाजार पर भी ध्यान केंद्रित कर सकें। उन्होंने सरकार द्वारा हाल ही में निर्यातकों के लिए प्रीशिपमेंट और पोस्टशिपमेंट के लिए रुपये के एक्सपोर्ट की क्रेडिट की मियाद बढ़ाये जाने का स्वागत किया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि ये कदम पर्याप्त नहीं है।