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यूरोप-अमेरिका में मजबूती, एशिया भी हरे निशान में

अमेरिकी अर्थजगत में खराब आंकड़े आने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। इंस्टीट्यूट ऑफ सप्लाई मैनेजमेंट ने कहा कि लोगों द्वारा किये जा रहे खर्च में कमी की वजह से बीमा क्षेत्र, होटलों और खुदरा व्यापार पर असर पड़ा और नवंबर महीने में देश में सेवा क्षेत्र नाटकीय तरीके से सिकुड़ गया। सेवा क्षेत्र सूचकांक अक्टूबर के 44.4 की तुलना में घट कर नवंबर महीने में 37.3 रह गया।

दूसरी ओर श्रम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया कि कैलेंडर साल 2008 की तीसरी तिमाही में उत्पादन में कमी आयी। उत्पादन वृद्धि की दर दूसरी तिमाही के 3.6%  के मुकाबले घट कर तीसरी तिमाही में 1.3%  रह गयी। इस बीच फेडरल रिजर्व द्वारा यह बयान भी जारी किया गया कि पूरे देश में आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। लेकिन इन सभी नकारात्मक खबरों के बावजूद अमेरिकी निवेशकों ने खरीदारी को प्राथमिकता दी और बुधवार के कारोबार में डॉव जोंस 2% की बढ़त दर्ज करने में कामयाब रहा। नैस्डैक कंपोजिट में 2.94%  की बढ़त रही। विश्लेषकों के अनुसार यह इस आशा का प्रतीक है कि सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि अर्थव्यवस्था फिर से अपने सामान्य हालात की ओर लौट आये। नाइमेक्स में कच्चे तेल का भाव 0.17 डॉलर चढ़ कर 46.79 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।

यूरोप की बात करें, तो बुधवार के कारोबार में एफटीएसई 100 में 1.14%, डैक्स में 0.78% और कैक 40 में 0.44%  की बढ़त रही। गुरुवार की सुबह एशियाई बाजारों में मजबूती का रुख है। भारतीय समयानुसार 8.20 बजे स्ट्रेट टाइम्स, हैंग सेंग, जकार्ता कंपोजिट और शंघाई कंपोजिट में 1.6-2.2%  की बढ़त है। निक्केई, कॉस्पी और ताइवान वेटेड भी हरे निशान में हैं, लेकिन इनकी मजबूती 1% से कम है।

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