विश्व बैंक ने मंगलवार को चेतावनी दी है कि सन् 1930 के दशक की महामंदी के बाद अब विश्व को दूसरी सबसे बड़ी मंदी का सामना करना पड़ सकता है। एक समाचार एजेंसी के अनुसार, विश्व बैंक का अनुमान है कि सन् 2009 में भारत की विकास दर 5.8% तक पहुंच जाएगी। सन् 2007 में भारत की विकास दर 9% थी। इसी तरह चीन की विकास दर 7.5% तक पहुंच सकती है। अगर इन दोनों देशों को छोड़ दें, तो अन्य विकासशील देशों की विकास दर 2.9% तक जा सकती है।
विश्व बैंक ने संभावना जताई है कि चीन और भारत समेत विकासशील देश आने वाले समय में सबसे तेज गिरावट का सामना करने वाले हैं। 2007 में इन विकासशील देशों की विकास दर 7.9% थी। 2009 में इन देशों की विकास दर घटकर 4.5% रह जाएगी।
विश्व बैंक का ये भी कहना है कि पूरे विश्व की विकास दर सन् 2009 में घटकर 0.9% रह जाएगी। जबकि इस वर्ष की विकास दर 2.5% है।
विश्व बैंक ने कहा कि वित्तीय संकट के चलते विश्व भर में निवेश में भारी कमी आई है और कमोडिटी की कीमत कम होने से गरीब देशों के निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।