तीन दिग्गज ऑटो कंपनियों को दी जाने वाली 14 अरब डॉलर की राहत योजना से संबंधित विधेयक को हालांकि प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में मंजूरी मिल गयी, लेकिन इसके सीनेट में पारित न होने की आशंका से निवेशकों में चिंता घर कर गयी।
विरोध करने वाले सदस्यों ने यह तर्क सामने रखा कि सरकारी सहायता का फायदा ऑटो कंपनियों के कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए। दूसरी ओर सरकार द्वारा कल जारी किये गये रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी के दावों में इस हफ्ते और वृद्धि दर्ज गयी है। साथ ही देश के व्यापार घाटे के बढ़ने की खबर ने बाजार की निराशा को और गहरा कर दिया। फलस्वरूप गुरुवार को डॉव जोंस में 2.24% की गिरावट दर्ज की गयी। नाइमेक्स में कच्चे तेल का भाव 4.46 डॉलर चढ़ कर 47.98 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया।
शुक्रवार की सुबह एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट का रुख है। भारतीय समयानुसार 8.10 बजे, हैंग सेंग में 2.5% से अधिक कमजोरी है। निक्केई, शंघाई कंपोजिट और स्ट्रेट टाइम्स में 1-1.5% की गिरावट है। हालांकि जकार्ता कंपोजिट, कॉस्पी और ताइवान वेटेड भी लाल निशान में हैं, लेकिन इनकी गिरावट 1% से कम है।