दोपहर बाद के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार अपने निचले स्तरों से सँभले हैं। एक समय 360 से अधिक अंक गिर चुका सेंसेक्स दोपहर 2.42 बजे हरे निशान में दिखायी पड़ रहा है। आज जारी किये गये अक्टूबर महीने के औद्योगिक उत्पादन के नकारात्मक आंकड़ों के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों में वापसी देखने को मिल रही है। अक्टूबर महीने में औद्योगिक विकास दर -0.4% रही है, जबकि पिछले साल अक्टूबर महीने में यह 12.2% रही थी। आज के कारोबार में प्रमुख एशियाई बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। दूसरी ओर, प्रमुख यूरोपीय शेयर बाजारों में शुक्रवार के कारोबार की शुरूआत भी गिरावट के साथ हुई। लेकिन इन सभी नकारात्मक संकेतों के बावजूद शेयर बाजारों ने वापसी दर्ज की है। बाजार विशेषज्ञ पशुपति सुब्रमण्यम् बाजार की वापसी को एक तरह से शार्ट कवरिंग (बिकवाली सौदे काटने) के तौर पर देखते हैं। उनका मानना है कि औद्योगिक विकास के खराब आँकड़ों के लिए बाजार पहले से तैयार था। बाजार विशेषज्ञ अनीता गाँधी भी इस बात को मानती हैं कि भारतीय शेयर बाजार खराब आँकड़ों के लिए तैयार था। जहाँ तक बाजार की वापसी का सवाल है, उनका मानना है कि लंबी अवधि के निवेशकों की ओर से खरीदारी आ रही है। इसमें शार्ट कवरिंग भी शामिल हो सकती है। अनीता गाँधी के विचार में बाजार को ब्याज दरों में नयी कटौती की उम्मीद है और एक नये राहत पैकेज की संभावना भी बाजार को दिख रही है।
डॉनल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले हैं। जनवरी में उनका अगला कार्यकाल शुरू होगा। अमेरिका में 100 साल से ज्यादा समय में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई राष्ट्रपति एक चुनाव हारने के बाद वापसी करने में कामयाब हुआ है।
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