सत्यम कंप्यूटर की ओर प्रमोटर परिवार की कंपनियों को खरीदने का फैसला करने और इस फैसले को रद्द करने के नाटकीय घटनाक्रम के बाद अब ब्रोकिंग फर्मों ने कंपनी की रेटिंग घटाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। जेपी मॉर्गन ने आईटी दिग्गजों की अपनी पसंदीदा सूची से सत्यम को निकाल दिया है और इसे अब "अंडरवेट" करार दिया है, यानी इसकी राय में निवेशकों को सत्यम में अपना निवेश घटा लेना चाहिए। सीएलएसए ने सत्यम का लक्ष्य भाव घटा कर 160 रुपये कर दिया है। आनंद राठी सिक्योरिटीज ने भी सत्यम कंप्यूटर को बेचने की सलाह देते हुए इसका लक्ष्य भाव घटा कर 150 रुपये कर दिया है।
सीएलएसए ने सत्यम के बोर्ड की स्वतंत्रता का मुद्दा भी उठाया है और यह सवाल किया है कि आखिर सत्यम के बोर्ड में मेटास अधिग्रहणों के फैसले का विरोध क्यों नहीं हुआ। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने सत्यम की रेटिंग और इसके लिए अपने लक्ष्य भाव को स्थगित कर दिया है। वहीं मुंबई की ब्रोकिंग और निवेश बैंकिंग कंपनी इडेलवाइज कैपिटल ने सत्यम को बेचने की सलाह दी है। इडेलवाइज के आईटी विश्लेषक वीजू जॉर्ज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मेटास प्रॉपर्टीज और मेटास इन्फ्रा के अधिग्रहण का प्रस्ताव रख कर सत्यम ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस का नया निचला स्तर छू दिया है, भले ही बाद में इसने यह फैसला वापस ले लिया हो।
इडेलवाइज का मानना है कि मेटास सौदों को रद्द किये जाने के बावजूद सत्यम को मिलने वाले पीई अनुपात पर एक स्थायी असर पड़ चुका है। इसने यह भी इशारा किया है कि सत्यम के निवेशक अब कंपनी के बोर्ड और/या प्रबंधन में बदलावों के लिए सक्रिय हो सकते हैं। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि सत्यम की 1.2 अरब डॉलर की नकदी खरीदी जा रही कंपनियों के खातों में नहीं, बल्कि प्रमोटरों के हाथों में जा रही थी। अगर वाकई सत्यम और इसके बोर्ड में बुनियादी ढांचा और जमीन-जायदाद (रियल एस्टेट) क्षेत्र के प्रति उत्साह था, तो फिर कंपनी ने क्यों नहीं तीन-तरफा शेयरों की अदला-बदली पर आधारित विलय का रास्ता चुना? कंपनी कानून की संबंधित धाराओं का जिक्र करते हुए इडेलवाइज ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि यह सौदा जान-बूझ कर इस तरह से किया गया कि उसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं हो। इडेलवाइज ने यह आकलन भी सामने रखा है कि सत्यम 160 करोड़ डॉलर में जिन संपत्तियों को खरीदने जा रही थी, वास्तव में उनका मूल्यांकन केवल 65.8 करोड़ डॉलर बनता है। मेटास अधिग्रहण का फैसला रद्द करने के बावजूद सत्यम को अपने आईटी कारोबार में भी नयी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इडेलवाइज के वीजू जॉर्ज का मानना है कि आईटी कंपनियों के ग्राहकों के लिए मौजूदा माहौल में केवल उस आईटी कंपनी की क्षमता ही नहीं, उसकी साख भी काफी महत्वपूर्ण है।
आनंद राठी सिक्योरिटीज का मानना है कि मेटास सौदों को रद्द करने से एक राहत मिली है जिसका स्वागत करना चाहिए, लेकिन यह पूरा मामला आने वाले समय में भी सत्यम के कॉर्पोरेट गवर्नेंस को लेकर चिंता पैदा करता रहेगा। इसने अपनी रिपोर्ट में टिप्पणी की है कि इस प्रकरण ने फैसले लेने की सत्यम के मौजूदा प्रबंधन की क्षमताओं पर सवाल खड़े कर दिये हैं।