मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services Ltd) में रीटेल रिसर्च प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के मुताबिक सोमवार (09 दिसंबर) को पिछले हफ्ते की तेजी के बाद भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव महसूस किया गया। निफ्टी 60 अंक (0.2%) टूट कर 24,619 के स्तर पर बंद हुआ।
कंज्यूमर स्टॉक ने बाजार पर काफी दबाव डाला, जिसये निफ्टी एफएमसीजी सूचकांक 2% तक टूट गया। यह गिरावट गोदरेज कंज्यूमर के मध्य-तिमाही कारोबार अपडेट के बाद आई, जिसमें कमजोर माँग और मार्जिन दबाव पर प्रकाश डाला गया था। हालाँकि आईटी और धातु स्टॉक से कुछ समर्थन मिला।
व्यापक बाजार का प्रदर्शन अच्छा रहा, इसके साथ ही निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 सूचकांक में क्रमश: 0.5% और 0.2% तक की तेजी आयी। मध्य पूर्व में तनाव के कारण तेल की कीमतों में वृद्धि, भारत और अमेरिका से सीपीआई आँकड़े के साथ ही इस हफ्ते ईसीबी की नीति बैठक जैसी प्रमुख आर्थिक घटनाओं से पहले सतर्कतापूर्ण भावना ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया।
चीन से प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद ने कैपिटल गुड्स और मेटल शेयरों में खरीदारी को बढ़ावा दिया, जिससे धातु सूचकांक में 0.6% और पूँजीगत वस्तुओं के सूचकांक में 1% की वृद्धि हुई। आगे अमेरिका के सीपीआई आँकड़े बुधवार को प्रस्तावित हैं और भारत के सीपीआई आँकड़े गुरुवार के लिए अनुसूचित हैं, ये प्रमुख वृहद आर्थिक संकेतक हैं जिन पर नजर रहेगी।
हमें उम्मीद है कि बाजार सकारात्मक झुकाव के साथ दायरे में रहेगा, इसे रुक-रुक कर होने वाली एफआईआई खरीदारी और सरकारी खर्च से संबंधित खबरों के प्रवाह से समर्थन मिलेगा।
(शेयर मंथन, 09 दिसंबर 2024)
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