केंद्र सरकार छत पर सौर संयंत्र (Solar Rooftop) योजना को सरल बनाने के लिए इससे जुड़े नियमों में कई बड़े बदलाव करने जा रही है।
केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने आज रूफ टॉप (घर की छत पर सौर संयंत्र) योजना की प्रगति की समीक्षा के बाद इसे सरल बनाने के निर्देश दिये, जिससे इस तक लोगों की पहुँच आसान हो सके। नये सरल नियमों के तहत लाभार्थी को किसी भी सूचीबद्ध विक्रेता से ही रूफ टॉप लगवाना जरूरी नहीं होगा। इसकी जगह वे खुद भी रूफ टॉप लगा सकते हैं या अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता से इसे लगवा सकते हैं।
छत पर सौर संयंत्र लगाने वाले लोगों को लगायी गयी प्रणाली की एक फोटो के साथ वितरण कंपनी को इस बारे में सूचित करना होगा। वितरण कंपनी (डिस्कॉम) यह सुनिश्चित करेगी कि सूचना मिलने के 15 दिनों के भीतर नेट मीटरिंग उपलब्ध करा दी जाये। भारत सरकार 3 किलोवाट क्षमता तक के रूफ टॉप के लिए 40% और 10 किलोवाट तक के लिए 20% सब्सिडी प्रदान करती है। सौर संयंत्र लगाये जाने के 30 दिनों के भीतर डिस्कॉम यह सब्सिडी लाभार्थी के खाते में जमा करेगी।
सौर पैनल और इन्वर्टर की गुणवत्ता निर्धारित मानक के अनुसार है, यह सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार समय-समय पर वैसे सोलर पैनल और इन्वर्टर निर्माताओं की सूची प्रकाशित करेगी, जिनके उत्पाद अपेक्षित गुणवत्ता मानकों और उनकी मूल्य सूची के अनुरूप हैं। वहीं, लाभार्थी अपनी पसंद के सोलर पैनल और इन्वर्टर का चयन कर सकते हैं। डिस्कॉम के नामित किसी भी विक्रेता द्वारा रूफ टॉप लगाये जाने का विकल्प पहले की तरह उपलब्ध है। हालाँकि, ऐसे मामलों में भी लाभार्थी अपनी पसंद के सोलर पैनल और इन्वर्टर का चयन कर सकते हैं। (शेयर मंथन, 21 जनवरी 2022)