कैबिनेट से 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी मिल गई है। 5G स्पेक्ट्रम पर DoT के प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूरी मिल गई है।
कैबिनेट से 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी मिल गई है। 5G स्पेक्ट्रम पर DoT के प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूरी मिल गई है। कैबिनेट ने 72 गीगा हर्ट्ज (GHZ) स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी है। 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी 20 साल के लिए की जाएगी। 8 जुलाई से 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए आवेदन दिए जाएंगे। 26 जुलाई से 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू होगी। सरकार के इस फैसले से 5G सेवाएं जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। सरकार का अक्टूबर से 5G सेवा शुरू करने का लक्ष्य है। साल 2015 के बाद से देशभर में 4जी सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। 2014 में जहां 10 करोड़ ग्राहक थे वहीं आज ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या 80 करोड़ तक पहुंच गई है। जहां तक स्पीड का सवाल है तो यह 4G से लगभग 10 गुना अधिक तेज होगा। स्पेक्ट्रम फी के भुगतान पर भी कंपनियों को राहत दी गई है। कंपनियां साल के शुरुआत में स्पेक्ट्रम फी का भुगतान कर सकेंगी। कंपनियों को सरकार ने राहत देते हुए किश्तों में स्पेक्ट्रम फी चुकाने की छूट दी है। पहली बार बोली में सफल रहे कंपनियों को अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं होगी। इससे कंपनियों के पास नकदी प्रवाह बेहतर रहेगा और साथ ही कारोबार करने की लागत में भी कमी आने की उम्मीद है। कंपनियों के पास 10 साल के बाद स्पेक्ट्रम सरेंडर करने का विकल्प भी होगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और मशीन टू मशीन कम्यूनिकेशन के लिए प्राइवेट कैप्टिव कम्यूनिकेशन नेटवर्क्स का इस्तेमाल होगा। इसका फायदा ऑटोमोटिव, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एनर्जी और दूसरे सेक्टर में इस तकनीक का फायदा मिलेगा। सरकार ने 13, 15, 18 और 21 गीगाहर्ट्ज बैंड के मौजूदा फ्रीक्वेंसी बैंड में पारंपरिक माइक्रोवेव बैकहॉल कैरियर की संख्या को भी दोगुना करने का फैसला लिया है। केंद्रीय टेलीकॉम और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विजन को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कुल मिलाकर देखें तो आप कह सकते हैं कि कैबिनेट ने ट्राई (TRAI) की लगभग सभी सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट का यह फैसला भारत का 5G इकोसिस्टम विकसित करने की दिशा में समेकित हिस्सा है। सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में रिफॉर्म की दिशा में सितंबर 2021 में फैसला लिया था जिसमें आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी में जीरो स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज लेने को मंजूरी दी गई थी। साथ ही सरकार ने प्राइवेट कैप्टिव कम्यूनिकेशन नेटवर्क्स के गठन का भी फैसला किया है। इस स्पेक्ट्रम नीलामी में लो (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz), मीडियम (3300 MHz) और ऊच्च (26 GHz) फ्रीक्वेंसी बैंड की नीलामी होगी।
(शेयर मंथन 15 जून 2022)