भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने तीन दिनों के एमपीसी (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में 0.50% बढ़ोतरी का ऐलान किया।
इस बढ़ोतरी के बाद अब रेपो रेट अब 5.40% से बढ़कर 5.90% हो गया है। दरें बढ़ाने के पक्ष में एमपीसी के 6 में से 5 सदस्य थे। वहीं एसडीएफ (SDF) 5.15% से बढ़कर 5.65% हो गया है। इसके अलावा एमएसएफ (MSF) भी 5.65% से बढ़कर 6.15% के स्तर पर पहुंच गया है। आरबीआई ने फिलहाल अकोमोडेटिव रुख बरकरार रखा है। आरबीआई ने सप्लाई की चिंता से महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका जताई है। महंगाई अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। तेल की कीमतों में गिरावट से लागत में कमी आएगी। भारत की जीडीपी (GDP) ग्रोथ आज भी दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बेहतर है। वित्त वर्ष FY23 की दूसरी छमाही में मांग बेहतर रहने का अनुमान है। आरबीआई ने साफ कहा कि बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी है। सरकारी खर्च बढ़ने से लिक्विडिटी में होगा सुधार देखने को मिलेगा। त्योहारों के कारण मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। वहीं निवेश में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। साथ ही ग्रामीण मांग में सुधार जारी है। FY23 की पहली तिमाही में में क्षमता इस्तेमाल 3 साल के ऊपरी स्तर पर है। FY23 में महंगाई दर 6.7% रहने का अनुमान है। वहीं FY23 की दूसरी तिमाही में महंगाई दर 6% रह सकता है। FY23 के Q3 में महंगाई दर 6.5% तो वहीं FY24 की पहली तिमाही में महंगाई दर 5% रहने का अनुमान है। FY23 में जीडीपी ग्रोथ 7% रह सकता है। FY24 की पहली तिमाही में रियल GDP ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान है। मॉनसून के देरी से लौटने के कारण सब्जियों की कीमतों पर असर देखने को मिला है। लिक्विडिटी की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। रुपए की स्थिति दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर है। भारत के पास 53,750 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। ऑफलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स पर भी ऑनलाइन पेमेंट एग्रीग्रेटर नियम लागू होगा। एमपीसी (MPC) के फैसले करेंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होती है। विकसित देशों के सेंट्रल बैंकों ने तेजी से रेट बढ़ाए हैं। रेट बढ़ोतरी में अचानक आई तेजी नई चुनौती बनी हुई है। टोकनाइजेशन के लिए सिस्टम तैयार है। अब तक करीब 35 करोड़ टोकन तैयार हो चुके हैं। एआरसी (ARC) पर गाइडलाइंस अंतिम चरण में है।
(शेयर मंथन 30 सितंबर, 2022)