सालाना 5 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार (टर्नओवर) करने वालों के लिए सरकार नये साल में वस्तु एवं सेवा कर या गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) के तहत ई-इन्वॉइस बनाना अनिवार्य करने जा रही है।
खबरों के अनुसार जीएसटी नेटवर्क ने अपने तकनीकी सेवा प्रदाता से दिसंबर तक ई-इन्वॉइस पोर्टल तैयार करने को कहा है। सरकार का लक्ष्य अगले वित्त-वर्ष तक 1 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार वाले सभी कारोबारियों को इस फ्रेमवर्क से जोड़ने का है। सरकार के इस कदम से कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी और सरकार की आमदनी बढ़ेगी।
ई-इन्वॉइस के लिए एक मानक प्रारूप (फॉर्मेट) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे मशीन आसानी से पढ़ सके। इससे सभी छोटे कारोबारियों और बड़े ग्राहकों की जानकारियों को एक साथ लाना आसान होगा। इसका इस्तेमाल टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए किया जाता है। सरकार के इस कदम से शिकायतों का निपटारा करना भी आसान हो जायेगा। जीएसटी अदा करने वाले ई-इन्वॉइस रजिस्ट्रेशन पोर्टल के जरिये भेज सकेंगे। इससे बिल बनाने में होने वाली गलतियों को कम करने में भी मदद मिलेगी।
जीएसटी परिषद (GST Council) ने ई-इन्वॉइस को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का फैसला किया है। इसी के तहत 1 अक्टूबर से 10 करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाले कारोबारियों के लिए ई-इन्वॉइस अनिवार्य किया गया था। (शेयर मंथन, 11 अक्टूबर 2022)