बड़ी संख्या में भारतीय आबादी अगले दो साल में नए घर में जाने की इच्छा रखती है। साथ ही वे किरायेदार से मकान मालिक बनना चाहते हैं। एक वैश्विक सर्वेक्षण में भारतीयों की अपने घर के प्रति चाह खुलकर सामने आई है।
संपत्ति सलाहकार सीबीआरई इंडिया ने एक सर्वे के आधार पर रिपोर्ट जारी की है। ‘भारत की आवाज: भविष्य में लोग कैसे रहेंगे, किस तरह काम करेंगे और खरीदारी करेंगे’ शीर्षक की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में शामिल 45 प्रतिशत भारतीय अगले दो वर्ष में नए घर में रहने जाने वाले हैं जिनमें से ज्यादातर किराये के बजाय अपना खुद का घर खरीदना चाहते हैं।
इस वैश्विक सर्वे में दुनियाभर के 20,000 लोगों को शामिल किया गया जिनमें से 1,500 भारत से थे। सर्वे में शामिल भारतीय जनरेशन जेड (18-25 वर्ष), लेट मिलेनियल (26-33 वर्ष), अर्ली मिलेनियल (34-41 वर्ष), जनरेशन एक्स (42-57 वर्ष) और बेबी बूमर्स (58 वर्ष से अधिक) आयुवर्ग से थे।
सर्वे में पाया गया कि प्रतिभागियों के अगले दो वर्ष में नए घर में जाना चाहते हैं (44 प्रतिशत, पहले के दो वर्ष में यह 31 फीसदी था)। वैश्विक और एशिया प्रशांत के लोगों की तुलना में यह आंकड़ा बहुत अधिक है। सीबीआरई ने कहा, अगले दो वर्ष में नए घर में जाने की इच्छा जताने वाले सबसे अधिक भारतीय 18 से 25 साल के हैं। वहीं ऐसा कहने वाले 58 साल से अधिक के लोगों की संख्या सिर्फ 29 प्रतिशत है। यह दिखाता है कि आने वाले समय में युवा पीढ़ी की अगुवाई में घरों की मांग बढ़ेगी। वहीं, रिपोर्ट में यह भी पता चला कि अगले दो वर्ष में नए घर में जाने की योजना बना रहे लोगों में से 72 प्रतिशत किराये के घर के बजाय अपना घर खरीदना चाहेंगे।
इसके अलावा, करीब 70 प्रतिशत मिलेनियल किराये के बजाय अपना घर खरीदने को तरजीह दे रहे हैं। यह रूझान 2016 के रूझान के ठीक विपरीत है, जब सर्वे में पाया गया था कि 68 प्रतिशत अपने माता-पिता के साथ नहीं बल्कि किराये के घर में रहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, किसी और देश में बसने की इच्छा सभी आयु समूहों में भारत में सबसे ज्यादा देखी गई।
सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी अंशुमान मैगजीन ने कहा, ज्यादातर प्रतिभागी घर खरीदना चाहते हैं लेकिन जनरेशन जेड के 40 प्रतिशत लोग घर खरीदने के बजाये किराये के आवास में रहने के इच्छुक हैं।
(शेयर मंथन, 21 फरवरी 2023)