फरवरी में भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) 5.6% दर्ज किया गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने बुधवार (12 अप्रैल) यह आँकड़े जारी किये। आईआईपी के अनुसार जनवरी में औद्योगिक वृद्धि दर को संशोधित कर 5.2% से बढ़ाकर 5.5% कर दिया गया है।
फरवरी में आईआईपी वृद्धि दर 5.6% रहने का अनुमान है जो 5.8% रहने की उम्मीद के अनुरूप है। वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों में आईआईपी वृद्धि दर 5.5% रही जो 2021-22 की इसी अवधि में 12.5% थी।
फरवरी में औद्योगिक विकास में मामूली वृद्धि को विनिर्माण क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार से मदद मिली, जिसका उत्पादन जनवरी में 4% के मुकाबले 5.3% बढ़ा। यह देखते हुए कि विनिर्माण क्षेत्र आईआईपी का लगभग 78% हिस्सा बनाता है, इस मामूली वृद्धि ने बिजली और खनन में देखी गई विकास दर में गिरावट के प्रभाव को कम कर दिया। फरवरी में बिजली उत्पादन 8.2% बढ़ा, जो जनवरी में 12.7% था, जबकि खनन क्षेत्र का उत्पादन 4.6% बढ़ा, जो पिछले महीने में दर्ज 8.8% से कम था। वस्तुओं के उपयोग आधारित वर्गीकरण के अनुसार, उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन विशेष रूप से उल्लेखनीय था क्योंकि यह फरवरी में 12.1% बढ़ा, जबकि जनवरी में इसमें 6.3% की वृद्धि हुई थी।
टिकाऊ उपभोक्ता सामान के उत्पादन में हालांकि लगातार तीसरे महीने गिरावट आई है, लेकिन यह 4% रहा जो जनवरी में 8.2% था। हालांकि, मध्यवर्ती वस्तुओं का उत्पादन लाल निशान में आ गया क्योंकि जनवरी में 0.5% की वृद्धि के बाद इसमें 0.3% की गिरावट आई।
तीन अन्य वस्तुओं की श्रेणियों की उत्पादन वृद्धि अलग-अलग डिग्री से कम हुई। इसमें पूँजीगत वस्तुओं के लिए 10.7% से 10.5%, बुनियादी ढाँचे के सामानों के लिए 9.8% से 7.9% और प्राथमिक वस्तुओं के लिए 9.6% से 6.8%। रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च आधार और भारी बारिश से प्रभावित, अधिकांश उपलब्ध उच्च आवृत्ति संकेतकों का साल-दर-साल प्रदर्शन फरवरी के सापेक्ष मार्च में कमजोर हो गया है। इन रुझानों के आधार पर आईसीआरए (ICRA) का अनुमान है कि मार्च में आईआईपी में सालाना आधार पर वृद्धि घटकर करीब 3-4% रह जाएगी। मार्च के आईआईपी आँकड़े 12 मई को जारी किए जाएँगे।
(शेयर मंथन, 12 अप्रैल 2023)