एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (HDFC Life Insurance) की प्रवर्तक कंपनी एबरडीन ने 31 मई को इससे बाहर निकलते हुए अपनी 3.56 करोड़ शेयर या 1.66 प्रतिशत हिस्सेदारी विभिन्न निवेशकों को 570.60 रुपये प्रति शेयर के औसत मूल्य पर बेच दी। हिस्सेदारी बिक्री 2,036.7 करोड़ रुपये की थी। इस हिस्सेदारी का एक हिस्सा मॉर्गन स्टेनली एशिया, डब्ल्यूएफ एशियन स्मॉलर कंपनीज फंड, बोफा सिक्योरिटीज, सोसिएट जेनेरेल, अमेजन मार्केट न्यूट्रल और बीएनपी पारिबा आर्बिट्रेज जैसे विदेशी फंडों ने खरीदा है।
सोसिएट जेनेरेल सबसे बड़ी खरीदार थी और उसने 33 लाख शेयर खरीदे। सरकारी पेट्रोलियम फंड के कारण नॉर्गेस बैंक के पास भी 27.5 लाख शेयर हैं। घरेलू संस्थानों में एसबीआई म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, निप्पॉन इंडिया एमएफ और आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ प्रमुख नाम थे। आंकड़ों के अनुसार आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ ने करीब 25 लाख शेयर, एबीएसएल एमएफ ने 23 लाख शेयर और एसबीआई एमएफ ने एक करोड़ से अधिक शेयर खरीदे।
ब्लॉक डील के एक दिन बाद 1 जून को एचडीएफसी लाइफ का शेयर एनएसई पर मामूली तेजी के साथ 594 रुपये पर खुला, जबकि इसका पिछला बंद भाव 592 रुपये था। आज इसके भाव में 10.15 रुपये की गिरावट आयी और यह 1.71% के नुकसान के साथ 582.20 रुपये पर बंद हुआ। स्टॉक के लिए एक बड़ा ओवरहैंग अब पीछे है क्योंकि एबरडीएन जून 2020 में 10 % से अधिक की तुलना में अपनी हिस्सेदारी लगातार कम कर रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 21 अप्रैल को एचडीएफसी बैंक या एचडीएफसी लिमिटेड को एचडीएफसी लाइफ में शेयरधारिता बढ़ाकर 50 % से अधिक करने की अनुमति देने के बाद एचडीएफसी लाइफ में 15% की तेजी आई है। मार्च 2023 तक एचडीएफसी लिमिटेड की एचडीएफसी लाइफ में 48.65% हिस्सेदारी थी। चौथी तिमाही में एचडीएफसी लाइफ का शुद्ध लाभ 359 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 357 करोड़ रुपये था।
(शेयर मंथन 01 जून 2023)