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Zee Entertainment मामले में सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका ने सैट का दरवाजा खटखटाया

सुभाष चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के मंगलवार (13 जून) के उस अंतरिम आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) का रुख किया, जिसमें उन्हें किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों का पद संभालने से रोक दिया गया था।

एस्सेल समूह के चेयरमैन चंद्रा और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Zee Entertainment Enterprises Ltd) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ गोयनका ने दलील दी है कि उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया गया और नियामक ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया। सूत्रों ने कहा कि सैट उनकी अपील पर गुरुवार (15 जून) को सुनवाई करेगा। सोमवार देर शाम जारी अंतरिम आदेश में बाजार नियामक ने कहा कि गोयनका और चंद्रा दोनों अगले आदेश तक किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या उसकी सहायक कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर नहीं रह सकते।

जी के चेयरमैन आर. गोपालन ने एक बयान में कहा कि कंपनी का निदेशक मंडल विस्तृत आदेश की समीक्षा करने की प्रक्रिया में है और जरूरत के मुताबिक अगला कदम उठाने के लिए उचित कानूनी सलाह ली जा रही है। सेबी की कार्रवाई से मंगलवार को बंबई शेयर बाजार (BSE) जी का शेयर में कारोबार के दौरान 6.28% की गिरावट के साथ 182.60 रुपये पर आ गया। हालांकि गोपालन द्वारा दिए गए बयान के बाद यह निचले स्तर से उबरकर मामूली कटौती के साथ 194 रुपये पर बंद हुआ।

इस घटनाक्रम ने कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के साथ ज़ी के बहुप्रतीक्षित विलय के भविष्य के बारे में नए सवाल उठाए हैं, जिसे पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (एसपीएनआई) के नाम से जाना जाता था। विश्लेषकों ने कहा कि विलय प्रक्रिया में अब देरी हो सकती है, लेकिन सोनी के सौदे से बाहर निकलने की संभावना नहीं है। साथ ही यह भी महसूस किया जा रहा है कि अगर जी के प्रवर्तकों को कोई राहत नहीं मिलती है तो गोयनका प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति का पद नहीं संभाल पाएंगे।

सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि चंद्रा और गोयनका ने सहयोगी इकाइयों के लाभ के लिए एस्सेल समूह की अन्य सूचीबद्ध कंपनियों की संपत्तियों को अलग-थलग कर दिया, जो उनके स्वामित्व और नियंत्रण में हैं। सेबी ने आरोप लगाया कि धन की हेराफेरी एक सुनियोजित योजना प्रतीत होती है क्योंकि कुछ मामलों में केवल दो दिन की छोटी अवधि के भीतर 13 कंपनियों को पास-थ्रू इकाइयों के रूप में इस्तेमाल करने वाले लेन-देन की परत बनाना शामिल है।

(शेयर मंथन, 14 जून 2023)

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