स्पाइसजेट बनाम मारन बंधुओं के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार (24 अगस्त) को अहम फैसला सुनाते हुए कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) अजय सिंह को 10 सितंबर तक मारन बंधुओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। ऐसा न करने पर अदालत ने स्पाइजेट (Spicejet Ltd) की पिछली तिमाही का मुनाफा कुर्क करने की मौखिक चेतावनी भी दी।
एयरलाइन सीएमडी दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति योगेश खन्ना के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी। सुनवाई के दौरान मारन के वकील मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि एयरलाइन और सिंह पर अब 397 करोड़ रुपये का बकाया है। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि कंपनी और सिंह ने संपत्तियों और देनदारियों का हलफनामा दायर किया है, लेकिन वे कानून द्वारा निर्धारित प्रारूप में नहीं हैं।
स्पाइसजेट द्वारा दायर हलफनामे में पिछली तिमाहियों के लिए कंपनी के लाभ और हानि के विवरण का विवरण देने के बाद, सिंह ने मारन को कंपनी की देयता के लिए 204 करोड़ रुपये के पूरे लाभ की कुर्की की माँग की।
स्पाइसजेट और सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने दलील दी कि कंपनी महामारी और बोइंग 737 मैक्स विमानों का परिचालन बंद होने जैसी कुछ घटनाओं के कारण परिचालन में बने रहने के लिए संघर्ष कर रही है। उन्होंने आगे तर्क दिया कि अगर कंपनी दिवालिया कार्यवाही में जाती है तो इससे किसी को फायदा नहीं होगा।
इस मामले में सन समूह के कलानिधि मारन के अनुसार स्पाइसजेट पर तीन अगस्त तक उनका 393 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने नौ अगस्त को स्पाइसजेट के दैनिक राजस्व का 50% अपने बकाये के भुगतान के लिए कुर्क करने की माँग की थी। अदालत ने उसी मामले में नोटिस जारी किया।
(शेयर मंथन, 24 अगस्त 2023)