रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) अपनी खुदरा इकाई रिलायंस रीटेल वेंचर्स में अतिरिक्त 8%-10% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। विभिन्न मीडिया खबरों में कहा गया है कि आरआईएल इसके जरिये रीटेल इकाई के विस्तार को बढ़ावा देने, कर्ज चुकाने और इसकी सार्वजनिक लिस्टिंग का मार्ग प्रशस्त करना चाहती है।
इस खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस प्रक्रिया के 12-15 महीने का समय लगने की उम्मीद है। यह कदम रिलायंस के खुदरा परिचालन की अनुमानित प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए बेहद अहम होगा। हालाँकि रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है।
इससे पहले के एक अहम घटनाक्रम में कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) ने रिलायंस रीटेल में एक प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। इसके बाद रिलायंस ने अपने धन जुटाने के प्रयास फिर से शुरू करने की ओर कदम बढ़ाया है।
2020 में सम्पन्न हुए पिछले फंडिंग राउंड के मुकाबले अब दोगुना होकर रिलायंस रीटेल वेंचर्स का मूल्यांकन 100 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। रिलायंस रीटेल की बरबेरी, प्रेट ए मैंगर और टिफनी जैसे कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के साथ साझेदारी है। इन साझेदारियों का मकसद भारतीय बाजार में इन वैश्विक ब्रांडों की मौजूदगी दर्ज कराना है।
कंपनी ने 2020 में केकेआर, जनरल अटलांटिक, सऊदी पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड और यूएई के मुबाडाला सहित विभिन्न संस्थाओं से निवेश के माध्यम से लगभग 472.65 अरब रुपये जुटाए।
सीएलएसए की रिपोर्ट के अनुसार, कतर के निवेश से रिलायंस के भविष्य के व्यय के लिए आवश्यक पूँजी मिलने और उसके खुदरा ऋण के प्रबंधन में मदद मिलने की उम्मीद है।
(शेयर मंथन, 25 अगस्त 2023)