चालू वित्त वर्ष में भारत सरकार ने व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट टैक्स के रूप में 16.90 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर संग्रह किया है। यह पिछले साल की तुलना में 15.88% की वृद्धि दर्शाता है। यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी आँकड़ों से प्राप्त हुई है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा जारी आँकड़ों के मुताबिक, गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह 8.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है, इसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर शामिल है। यह पिछले वर्ष की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। वहीं, कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 7.68 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। इसके अलावा, प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह 44,538 करोड़ रुपये रहा है। ये आँकड़े 1 अप्रैल 2024 से 12 जनवरी 2025 तक के प्रत्यक्ष कर संग्रह के हैं।
आयकर विभाग ने एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 14.58 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह किया था, जो सालाना आधार पर 2.31 लाख करोड़ की बढ़ोतरी को दर्शाता है। चालू वित्त वर्ष में 12 जनवरी तक विभाग ने 3.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक आयकर रिफंड जारी किया है। यह राशि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 42.49% अधिक है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह में इजाफा देश की आर्थिक मजबूती और बेहतर कर अनुपालन की ओर इशारा करता है। बढ़ता रिफंड और मजबूत संग्रह सरकारी वित्तीय स्थिति को स्थिर बनाये रखने में मददगार साबित होगा।
दरअसल, प्रत्यक्ष कर सीधे तौर पर नागरिकों और कंपनियों से वसूला जाता है। इसका उपयोग सरकारी खर्चों और विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए किया जाता है। एक आँकड़े के मुताबिक, 1 अप्रैल 2024 से 12 जनवरी 2025 तक, भारत का सकल (ग्रॉस) प्रत्यक्ष कर संग्रह 20% बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
(शेयर मंथन, 14 जनवरी 2025)
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