देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के मुनाफे में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट आयी है।
इससे पहले 2018 की जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा चार साल में पहली बार घटा था। वहीं कंपनी के अक्टूबर-दिसंबर वित्तीय नतीजे जानकारों के अनुमान से भी कमजोर रहे हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में 1,799 करोड़ रुपये के मुकाबले 2018-19 की समान अवधि में मारुति सुजुकी का मुनाफा 17.2% की गिरावट के साथ 1,489.3 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी के मुनाफे में गिरावट के कई कारण माने जा रहे हैं, जिनमें कमोडिटी की उच्च कीमतें, उच्च बिक्री व्यय, प्रतिकूल विदेशी मुद्रा और नये मॉडल एवं नये इंजन की शुरुआत के कारण उच्च मूल्यह्रास व्यय शामिल हैं।
सालाना आधार पर ही मारुति की शुद्ध आमदनी 19,283.2 करोड़ रुपये से 2% बढ़ कर 19,668.30 करोड़ रुपये रही, जबकि इसका एबिटा 36.4% की गिरावट के साथ 1,931.10 करोड़ रुपये और एबिटा मार्जिन 594 आधार अंक घट कर 9.8% रह गया। मारुति सुजुकी की कुल तिमाही बिक्री भी 0.6% घट कर 4,28,643 इकाई रह गयी।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने मारुति सुजुकी के नतीजों पर टिप्पणी में कहा है कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। अनुमान से अधिक लागत ने कंपनी के एबिटा मार्जिन और मुनाफे पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। ब्रोकिंग फर्म ने मारुति के 1,854 करोड़ रुपये के मुनाफे का अनुमान लगाया था।
कमजोर नतीजों से मारुति के शेयरों में भी बिकवाली देखने को मिली है। बीएसई में मारुति सुजुकी का शेयर 7,037.40 रुपये के पिछले बंद स्तर की तुलना में आज मजबूती के साथ 7,069.00 रुपये पर खुल कर 6,420.00 रुपये के निचले भाव तक फिसला, जो इसके पिछले 52 हफ्तों का न्यूनतम भाव है। अंत में यह 572.40 रुपये या 8.13% की कमजोरी के साथ 6,465.00 रुपये के भाव पर बंद हुआ। (शेयर मंथन, 25 जनवरी 2019)
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