जापान की ब्रोकिंग फर्म नोम्युरा (Nomura) ने ऑयल-केमिकल (O2C) कारोबार को अलग (डीमर्ज) करने के रिलायंस के निर्णय पर अपनी रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि इससे ओ2सी कारोबार में हिस्सेदारी बेचने में आसानी होगी। नोम्युरा की रिपोर्ट के पंचसूत्र :
1. ओ2सी डीमर्जर (O2C Demerger) से कंसोलिडेटेड आँकड़ों पर कोई असर नहीं, लेकिन डीमर्जर से ओ2सी कारोबार में हिस्सा बिकने की संभावनाएँ बढ़ेंगी
2. स्टैंडएलोन रिलायंस की हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) के क्षेत्र में प्रवेश की योजना निवेशकों को पसंद आयेगी
3. रिलायंस की कंसोलिडेटेड एबिटा आय 2020-21 में 9% गिरने, 2021-22 में 62% बढ़ने और 2022-23 में 28% बढ़ने का अनुमान
4. कंपनी की कंसोलिडेटेड आय (ईपीएस) में 2019-20 से 2022-23 के दौरान 33% औसत वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) की बढ़त होने का अनुमान
5. रिलायंस के लिए नोम्युरा की राय सकारात्मक बनी हुई, लक्ष्य भाव पहले की तरह 2,400 रुपये
(शेयर मंथन, 23 फरवरी 2021)
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