डियाजियो के मालिकाना हक वाली शराब बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड अपने 32 लोकप्रिय ब्रांड्स को बेचने का ऐलान किया है। कंपनी 820 करोड़ में इनब्रू बेवरेजेज को 32 लोकप्रिय ब्रांड्स को बेचेगी।
कंपनी ने इसके लिए सिंगापुर की कंपनी इनब्रू बेवरेजेज के साथ बिक्री और फ्रेंचाइजी के लिए करार किया है। यूनाइटेड स्पिरिट्स और इनब्रू बेवरेजेज के बीच हुए इस करार के तहत हेवार्ड,ओल्ड टैवर्न, व्हाइट मिसचीफ, हनी बी, ग्रीन लैबल और Romanov जैसे ब्रांड्स शामिल है। इन करार में मैकडोवेल या डायरेक्टर्स के स्पेशल ब्रांड्स शामिल नहीं है। ये सभी ब्रांड्स यूनाइटेड स्पिरिट्स अपने पास रखेगी। करार के तहत 32 ब्रांड्स से जुड़ा समूचे कारोबार का ट्रांसफर होगा। इसमें संबंधित कॉन्ट्रैक्ट्स, परमिट्स, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स,संबंधित कर्मचारी और मैन्युफैक्चकिंग इकाई भी शामिल है। इसके अलावा यूनाइटेड स्पिरिट्स और इनब्रू बेवरेजेज के बीच 11 दूसरे ब्रांड्स के लिए भी फ्रेंचाइजी समझौता किया है। यह समझौता 5 साल के लिए होगा। इसमें लोकप्रिय ब्रांड बैगपाइपर भी शामिल है। कंपनी को उम्मीद है कि यह सौदा 30 सितंबर 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। यूनाइटेड स्पिरिट्स के पोर्टफोलियो में शुरुआती स्तर के 30 ब्रांड्स शामिल हैं जिनकी औसत कीमत 400 रुपए से कम है। यह कीमत 750 मिली लीटर के लिए है। इसमें व्हिस्की, रम,ब्रैंडी, वोदका और जिन शामिल है।
इस करार पर प्रतिक्रिया देते हुए यूनाइटेड स्पिरिट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी निदेशक हिना नागराजन ने कहा कि 2016 से लोकप्रिय ब्रांड्स के लिए प्रबंधन पर काम चल रहा था। इसी समय से कंपनी ने फ्रेंचाइजी मॉडल शुरू किया था।
वहीं इनब्रु बेवरेजेज के चेयरमैन रवि देओल ने कहा कि कंपनी के पोर्टफोलियो को नए सिरे से बाजार के मुताबिक उतारने की दिशा में अहम साबित होगा। इस करार के बाद टॉप लाइन ग्रोथ को दहाई आंकड़े में लाने के मिशन के साथ काम करना मुख्य लक्ष्य है। आइकॉनिक ब्रांड्स के अधिग्रहण के बाद कंपनी का मुख्य लक्ष्य यूनिक प्लैटफॉर्म के जरिए भारत के घरों का भरोसेमंद बेवरेज कंपनी बनना है। करार के तहत अधिग्रहण किए जाने वाले ब्रांड्स का इस्तेमाल ग्राहक कई जेनरेशन से करते आ रहे हैं। इनब्रू बेवरेजेज इन ब्रांड्स को प्रसारित डिस्ट्रीब्यूशन इनोवेशन और निवेश के ब्रांड का दायरा बढ़ाने पर फोकस करने पर है। पिछले साल इनब्रु बेवरेज ने उत्तरी अमेरिका के बड़े उत्पादक Molson Coors के भारतीय बीयर कारोबार का अधिग्रहण किया था। (शेयर मंथन 29 मई 2022)
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