सोयाबीन के क्षेत्रों में अभी भी बारिश कम होने के कारण इस खरीफ में उत्पादन कम होने की आशंका से ताजा खरीदारी के कारण सोयाबीन वायदा (सितंबर) की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है।
कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 8,500-9,000 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। सरकार ने पोल्ट्री उद्योग को समर्थन देने के लिए 15 लाख टन सोयाबीन भोजन के आयात की अनुमति दी है। सोयाबीन का बुवाई क्षेत्र सामान्य बुवाई क्षेत्र की तुलना में बढ़कर 116.33 लाख हेक्टेयर हो गया है, लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में 2.3 लाख हेक्टेयर से कम है। भारत में पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल होने वाले सोयामील का निर्यात जुलाई में 57 प्रतिशत घटकर 26,725 टन रह गया, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में कम घरेलू आपूर्ति के कारण हुआ है।
नयी खरीदारी के कारण आरएम सीड वायदा (सितंबर) की कीमतें 2% बढ़त के साथ बंद हुई। कीमतों में तेजी को रुझान बना हुआ है और कीमतें 7,770 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 8,200-8,250 के स्तर पर पहुँच सकती है। जयपुर में सरसों की कीमतें 8,100 रुपये से अधिक हो गयी है। व्यापार सूत्रों के मुताबिक सरसों की घरेलू माँग लगातार बढ़ रही है। दक्षिण कोरिया और थाईलैंड को अधिक निर्यात के कारण रेपसीड मील का निर्यात पिछले साल (अप्रैल-जुलाई) के 4.4 लाख टन की तुलना में 4.8 लाख टन तक बढ़ गया। मलेशियाई सीपीओ और अमेरिकी बाजारों में सोयाबीन तेल में तेजी को देखते हुये खाद्य तेल की कीमतें बढ़त के साथ बंद हुई। उद्योग निकाय एसईए ने सोमवार को कहा कि भारत का पॉम तेल आयात जुलाई में वर्ष-दर-वर्ष 43.55% घटकर 4.65 लाख टन रह गया, जो पांच महीनों में सबसे कम है। खाद्य तेल की घरेलू कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल के आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की।
सोया तेल वायदा (सितंबर) की कीमतों के 1,420 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 1,400 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतों के 1,175 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 1,200 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। (शेयर मंथन, 24 अगस्त 2021)
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