सोने की कीमत में निचले स्तरों से आयी उछाल केवल राहत वाली तेजी (रिलीफ रैली) है।
निचले भावों पर सोने की भौतिक खरीदारी की माँग उभरने के चलते भाव वापस सँभले हैं। इसके अलावा अभी सोने में तेजी लौटने का कोई कारण नहीं बनता है। सोने में लंबी अवधि में जरूर तेजी का रुझान बना रह सकता है, लेकिन तात्कालिक रूप से तेजी का कोई कारण नहीं है। फिलहाल सोने के लिए 30,000 रुपये के स्तर पर लौट पाना मुश्किल लगता है।
निचले भावों पर बिकवाली सौदे कटने (शॉर्ट कवरिंग) या भौतिक माँग के चलते भाव सुधरे हैं, लेकिन छोटी अवधि में सोने का रुझान वास्तव में नीचे का ही है। सोना 26,000-27,000 रुपये के दायरे में ठहरने की कोशिश कर सकता है।
सोने की भौतिक माँग ज्यादातर गहनों की खरीदारी के रूप में है। निचले स्तरों पर खरीदारी के लिए भौतिक माँग काफी है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक भी खरीदारी करना शुरू कर सकते हैं, ताकि उनका स्वर्ण भंडार बढ़ सके। गहनों वगैरह की खरीदारी के लिए यह माँग इसलिए उभर रही है कि लंबी अवधि के लिए अब भी सोने में तेजी का रुख कायम है। अगर अगले 2-3 सालों की बात की जाये तो सोने के भावों में तेजी का रुख ही रहेगा, क्योंकि महँगाई दर आज भले ही कुछ कम हुई हो, लेकिन आगे यह फिर बढ़ सकती है। जिस तरह की तेजी बीते सालों में रही है, वैसी तेजी फिर से आने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। चाँदी में भले ही वह तेजी लौट आये, लेकिन सोने की कीमत
में ऐसा होना मुश्किल होगा। छोटी अवधि में सोने की कीमत में गिरावट की सीमा अभी 26000-26500 या ज्यादा-से-ज्यादा 25,500 के आसपास लगती है। हाल में सोने में जो तलहटी बनायी है, उसे तोड़ कर ज्यादा नीचे जाने की आशंका को वे सही नहीं मानते। अचानक किसी घटना से यह सीधे 3000 रुपये टूट जाये तो कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन आज की स्थिति में 20,000-22,000 के स्तर आने की आशंका नहीं है। गिरावट तेज होने पर तकनीकी वजहों से भी अगर इसका भाव टूटा तो नीचे खरीदारी के लिए लोग खड़े हैं। जब 26,000 के भाव पर लोग कतार लगा कर खरीदारी करने के लिए आ रहे हैं तो 22,000 का भाव आने पर लोग टूट पड़ेंगे। अगर ऐसा कोई भाव आया भी तो इतनी जबरदस्त माँग उभरेगी कि वैसे ही जबरदस्त ढंग से भाव वापस चढ़ जायेंगे। इस समय ही आपने देखा कि 25,500 के आसपास के भाव पर इतनी माँग उभरी कि यह वापस करीब 27,000 रुपये तक लौट आया है। इसलिए अगर 22,000 का भाव आ गया तो वहाँ और भी जबरदस्त माँग निकलेगी। इसलिए अगर किसी झटके में वैसा भाव आया भी तो वह टिकेगा नहीं।
चाँदी करीब 45,000 के मौजूदा स्तर से फिसल कर 42000-43000 रुपये के स्तर तक जा सकती है। तेजी का रुझान इसमें नहीं लगता। लेकिन मौजूदा स्तर से 2000 ऊपर और 2000 नीचे के दायरे में यह ठहर सकती है। ऊपर की ओर इसके लिए 46,000 का भाव पार करना मुश्किल होगा। जब सोना 26,000 के पास या उससे नीचे गया था और वहाँ आपने खरीद लिया तो अच्छा ही है। अगर दोबारा 26,000 के पास का भाव मिले तो वहाँ फिर से खरीदारी का मौका बनेगा। लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि ऊपर की ओर ज्यादा तेजी नहीं आयेगी और ऊपरी भावों पर बिकवाली भी शुरू हो जायेगी क्योंकि छोटी अवधि का रुझान नीचे का ही है। नवीन माथुर, एसोसिएट डायरेक्टर, एंजेल ब्रोकिंग (Naveen Mathur, Associate Director, Angel Broking)
(शेयर मंथन, 01 मई 2013)
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