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दूसरी छमाही में आ सकती है सोना-चाँदी में तेजी

रेलिगयेर कमोडिटीज (Religare Commodities) के अनुसार साल 2014 के शुरुआती महीनों में सोना (Gold) और चाँदी (Silver) की कीमतों में नरमी देखी जा सकती है। हालाँकि साल की दूसरी छमाही में इनकी कीमतों में तेजी का रुख देखा जा सकता है।
डॉलर के मुकाबले रुपये में अप्रत्याशित कमजोरी, कच्चे तेल (Crude Oil) की बढ़ती कीमतों और बढ़ते चालू खाते के घाटे (Current Account Deficit) की वजह से एमसीएक्स (MCX) पर सोने की कीमत पिछले साल के मध्य में अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी। बढ़ते चालू खाते के घाटे को थामने की नीयत से सरकार ने जनवरी 2013, जून 2013 और अगस्त 2013 में सोने पर लगने वाले आयात शुल्क (Import Duty) में 2-2% की वृद्धि की और यह बढ़ा कर 10% कर दिया गया। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाये। ऐसे में वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताओं और वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच अगस्त 2013 में सोना 35074 रुपये/10 ग्राम तक पहुँच गया। 
हालाँकि इससे पहले अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक ढील वापस लिये जाने के संकेतों के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 1200 डॉलर/औंस से नीचे फिसल गयी थी। इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा और जून 2013 में यह 25,000 रुपये/10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे लुढ़क गया था। कुल मिला कर पिछले साल सोने की कीमत में 8% की कमजोरी दर्ज की गयी। 
पिछले साल सोने की कीमत में इस तरह के उतार-चढ़ाव को देखते हुए अधिकांश विश्लेषकों का यह मानना है कि सोने में तेजी का दौर खत्म हो चुका है। लेकिन रेलिगेयर कमोडिटीज का यह मानना है कि सोने में मौजूदा कमजोरी इसके अपट्रेंड का ही एक हिस्सा है। रेलिगेयर कमोडिटीज के अनुसार साल के शुरुआती महीनों में इसमें कुछ कमजोरी आ सकती है लेकिन बाद के महीनों में इसमें तेज वापसी भी देखी जा सकती है। फर्म का मानना है कि 24750-25000 रुपये पर इसे मजबूत सहारा मिलने की उम्मीद है। जब तक सोना इन स्तरों के ऊपर बना रहता है, तब तक इसमें लंबी अवधि की तेजी बरकरार रहने की संभावना है। 
साल 2013 में चाँदी की कीमत में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया और बीते साल इसमें तकरीबन 24% की कमजोरी दर्ज की गयी। रेलिगेयर कमोडिटीज के अनुसार साल के आरंभिक महीनों में चाँदी पर बिकवाली का दबाव देखा जा सकता है। लेकिन 38600 रुपये/किग्रा के स्तर पर इसे मजबूत सहारा मिलने की उम्मीद है। अगर चाँदी इस स्तर के नीचे फिसली तो यह 35100 के स्तर तक फिसल सकती है। रेलिगेयर कमोडिटीज के अनुसार 35100 के स्तर पर चाँदी में मजबूत माँग उभरने की उम्मीद है और यह खरीदारी साल की दूसरी छमाही में इसे 51200-55230 रुपये के स्तरों तक ले जा सकती है। (शेयर मंथन, 04 जनवरी 2014)

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