पिछले कुछ हफ्तों में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से गिरावट हुई है, लेकिन मौजूदा स्तर पर कीमतों में कुछ स्थिरता रह सकती है।
लगातार 12 दिनों तक कीमतों में गिरावट के बाद अब ओपेक द्वारा दिसंबर की बैठक में तेल उत्पादन में 1.4 मिलियन बैरल प्रति दिन की कटौती किये जाने की संभावना की खबरों से बिकवाली रुक गयी है। लेकिन चिंता अभी भी बनी हुई है, क्योंकि सबसे बड़े उत्पादक रूस ने तेल उत्पादन में इतनी अधिक कटौती करने पर सहमत नहीं दी है। इस बीच एपीआई के अनुसार अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 7.03 मिलियन बैरल के अनुमान की तुलना में 8.79 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी से भी कीमतों पर दबाव पड़ा।
कच्चे तेल की कीमतों को 4,000 रुपये पर सहारा और 4,200 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। आईईए ने 2018 और 2019 में गैर-ओपेक देशों में तेल आपूर्ति में क्रमशः 2.4 और 1.9 मिलियन बैरल प्रति दिन की वृद्धि होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले महीने की रिपोर्ट के अनुसार तेल आपूर्ति में वृद्धि की तुलना में क्रमशः 2,00,000 बैरल प्रति दिन और 1,00,000 बैरल प्रति दिन अधिक है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में अस्थिरता रहने की संभावना है और कीमतें तेज बढ़त के साथ खुल सकती है और 305-330 रुपये के बड़े दायरे में कारोबार कर सकती हैं। पूरे अमेरिका में भारी ठंड अनुमान के कारण पिछले हफ्ते नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में बढ़त दर्ज की गयी, लेकिन उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली और गैस भंडार में मामूली बढ़ोतरी के कारण कीमतों में 15 वर्षो में सबसे अधिक गिरावट हुई। विश्व में नेचुरल गैस एकमात्र ऐसी कमोडिटी है, जिसकी कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव होता है। गर्मियों में अधिक तापमान, परमाणु बिजली उत्पादन बंद होने, तूफानों से बाधित होने, पाइपलाइन में देरी और अंततः जाड़े के प्रारंभ में ही भारी ठंड के कारण गैस का भंडार काफी निचले स्तर पर पहुँच गया है। (शेयर मंथन, 19 नवंबर 2018)