बुधवार को एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबार के दौरान गिरावट देखी जा रही है।
बुधवार को एशियाई बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है।
गुरुवार को एशियाई बाजारों में भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है।
मंगलवार को क्रिसमस के कारण बंद रहने के बाद आज एशियाई बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है।
अमेरिकी बाजार में आयी कमजोरी के बाद मंगलवार को एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिल रही है।
कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को एशियाई बाजारों में कमजोरी देखने को मिल रही है।
अमेरिकी बाजार में गिरावट के बाद गुरुवार को एशियाई बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिल रही है।
कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को एशियाई बाजारों में कमजोरी देखने को मिल रही है।
मंगलवार को अमेरिकी बाजार के तीनों प्रमुख सूचकांकों में आयी 3% से ज्यादा की गिरावट का आज एशियाई बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ता दिख रहा है।
कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में एशिया बाजारों में कमजोर करोबार देखने को मिल रहा है।
अमेरिकी शेयर बाजार के बाद मंगलवार को एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबार में कमजोरी देखने को मिल रही है।
कारोबारी हफ्ते के आखरी दिन शुक्रवार को एशियाई बाजारों में कमजोर शुरुआत हुई है।
कारोबारी सप्ताह के आखरी दिन शुक्रवार को एशियाई बाजारों में कमजोर शुरुआत हुई है।
शुक्रवार को अमेरीकी बाजार में गिरावट के बाद कारोबारी सप्ताह पहले दिन सोमवार को शुरुआती सत्र में एशियाई बाजारों में कमजोरी दिख रही है।
बुधवार के शुरुआती कारोबारी सत्र में एशियाई बाजारों में कमजोरी दिख रही है।
मंगलवार को एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबार में कमजोरी दिख रही है।
कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट के साथ शुरुआत हुई है।
बुधवार को शुरुआती कारोबार में एशियाई बाजारों में गिरावट दिख रही है।
अमेरिकी शेयर बाजार से मिले कमजोर संंकेतों के कारण मंगलवार को एशियाई बाजार में भी गिरावट है।
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट देखी जा रही है।
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सितंबर 2024 से मार्च 2025 तक निफ्टी 50 में 16.4%, निफ्टी मिडकैप 100 में 23.1% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 27% की गिरावट दर्ज हुई है। क्या इस गिरावट ने बाजार में ‘सेल’ वाली स्थिति ला दी है?
निवेश मंथन के फरवरी 2025 अंक की आमुख कथा यह बता रही है कि सालाना 12 लाख रुपये से ऊपर भी आपकी आय करमुक्त कैसे रह सकती है। जी हाँ, 12 लाख तक ही नहीं, इससे अधिक कमाई पर भी संभव है शून्य आय कर।