
महँगाई भले ही अब भी आपके लिए सिर दर्द बनी हुई हो। लेकिन सरकार के आँकड़े बताते हैं कि खुदरा महँगाई घटी है। और ये गिरावट एक दो नहीं बल्की 67 महीनों यानी करीब साढ़े पाँच साल के निचले स्तरों पर पहुँच गयी है।
67 महीनों के निचले स्तरों पर रिटेल महँगाई
दरअसल एनएसओ यानी नेशनल स्टैटिकल ऑफिस ने मार्च महीने के महँगाई के आँकड़े जारी किये हैं। इनके मुताबिक देश की खुदरा महँगाई दर फरवरी के 3.61% से घटकर मार्च में 3.34% पर आ गयी है। इसी के साथ ये 67 महीनों के सबसे निचले स्तरों पर आ गयी है। अर्थात अगस्त 2019 के बाद पहली बार रिटेल महँगाई दर इतनी कम आई है।
कैसे घटी रिटेल महँगाई दर?
सरकार के आँकड़ों के मुताबिक रिटेल महँगाई दर इसलिए घटी है क्योंकि खाने पीने की चीजों के दाम गिरे हैं। जैसे सब्जियों, अंडों, दालों, मांस और मछली, अनाज और दूध की महँगाई में कमी आयी है। मार्च में खाने-पीने की चीजों की महँगाई दर घटकर 2.69% पर आ गयी, जबकि फरवरी में ये 3.75% थी। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 में महँगाई दर 4.6% रही, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 5.4% थी।
यहाँ बड़ी बात ये है कि मार्च लगातार दूसरा महीना रहा है जब रिटेल महँगाई दर आरबीआई की 4% की सहनशीलता सीमा से कम रही है। फरवरी में भी ये 3.61% पर थी और मार्च में ये और गिरकर 3.34% पर आ गई है।
थोक महँगाई भी घटी
सरकार के आँकड़ों के मुताबिक मार्च 2025 में थोक महँगाई भी घटकर 2.05% हो गई, जबकि फरवरी में ये 2.38% थी।
67 महीनों के निचले स्तरों पर रिटेल महँगाई
महीने (सालाना) रिटेल महँगाई दर
सितंबर 2024 5.49%
अक्टूबर 2024 6.21%
नवंबर 2024 5.48%
दिसंबर 2024 5.22%
जनवरी 2025 4.31%
फरवरी 2025 3.61%
मार्च 2025 3.34%
देश की होलसेल महँगाई
महीने (सालाना) रिटेल महँगाई दर
सितंबर 2024 1.84%
अक्टूबर 2024 2.36%
नवंबर 2024 1.89%
दिसंबर 2024 2.37%
जनवरी 2025 2.31%
फरवरी 2025 2.38%
मार्च 2025 2.05%
गिरती महँगाई पर क्या कहते हैं जानकार?
आँकड़ों की बाजीगरी से इतर जानकार इस पर क्या कहते हैं? उनकी क्या राय है? इस सवाल का जवाब क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी ने दिया। उन्होंने बताया कि कैसे रिटेल महँगाई दर में गिरावट आई है। क्रिसिल के थाली सूचकांक का हवाला देते हुए धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि मार्च में शाकाहारी थाली 3% सस्ती हुई है। हालाँकि मांसाहारी थाली की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
वो कहते हैं कि इस साल मॉनसून अच्छा रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग का ताजा अनुमान इस साल मॉनसून एलपीए का 105% और निजी एजेंसी स्काईमेट 103% रहने का अनुमान जता रहे हैं। साफ है कि अगर मॉनसून अच्छा रहा तो अगले साल खाद्य महँगाई भी गिरेगी। वहीं, कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिल रही है। इससे भी खाद्य महँगाई दर में गिरावट आयेगी। हालाँकि वित्त वर्ष 2025-26 में मौसम के बदलते मिजाज पर भी नजर रखनी होगी। हमारा मानना है कि इस वित्त वर्ष में महँगाई 4.3% रहेगी, वहीं कोर महँगाई दर 4.6%, 2.5%, 4.2% रहने की उम्मीद है। हम इस साल ब्याज दरों में और दो बार 0.25% की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।
(शेयर मंथन, 16 अप्रैल 2025)
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