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वैश्विक अनिश्चितता से बढ़ रहे हैं सोने के दाम, गोल्डमैन सैक्स ने फिर संशोधित किया लक्ष्य

सोने के दाम में तेजी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अगर सिर्फ अप्रैल की ही बात करें तो इस महीने के 15 दिनों में सोने ने 5 बार रिकॉर्ड स्तरों को छुआ है। सराफा बाजार भी कह रहा है कि सोने के अब तक के इतिहास में उन्होंने कीमतों में कभी इतनी तेजी नहीं देखी है।

सिर्फ एक साल सोने के दाम 36% और जनवरी से लेकर अब तक करीब 23% चढ़ चुके हैं। आलम ये है कि बाजार से ग्राहक नदारद हैं, लेकिन जिन लोगों ने गिरावट पर या पहले भी सोने में निवेश किया है उनका पोर्टफोलियो चमक रहा है। शायद इसलिए गोल्डमैन सैक्स और यूबीएस जैसी संस्थाओं ने सोने के अपने लक्ष्य को और बढ़ा दिया है।

गोल्डमैन सैक्स ने बढ़ाया सोने का लक्ष्य

गोल्डमैन सैक्स का मानना है सोने की कीमतों में जो तेजी देखने को मिल रही है अगर वो इसी तरह से कायम रही तो इस साल सोने का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,700 डॉलर प्रति औंस तक भी पहुँच सकता है। वहीं, मंदी की स्थिति में भाव साल के अंत तक 3,880 डॉलर प्रति औंस तक भी पहुँच सकते हैं। हाल ही में गोल्डमैन सैक्स ने सोने के लिए 3300 डॉलर का लक्ष्य दिया था।

यूबीएस ने बढ़ाया सोने का लक्ष्य

यूबीएस को भी लगता है कि इस साल सोने का भाव 3,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है। ब्रोकिंग एजेंसी ने तेजी से बदलते भू-राजनीतिक हालात, ट्रंप के पारस्परिक टैरिफ को लेकर अनिश्चितता, बढ़ती महँगाई, कमजोर होती वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे हालात को देखते हुए अपने लक्ष्य को बढ़ाया है। यूबीएस को लगता है कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो कीमतों में आगे और तेजी देखने को मिल सकती है।

2025 के लिए सोने का लक्ष्य

संस्थान प्रति औंस (डॉलर में)

ड्यूश बैंक 3700

गोल्डमैन सैक्स 3700

सिटी 3500

बैंक ऑफ अमेरिका 3350

यूबीएस 3,500

क्यों बढ़ाया सोने का लक्ष्य?

इस लक्ष्य को बढ़ाने के पीछे कोई एक नहीं बल्की कई कारण हैं। इन कारणों में सबसे प्रमुख

1) अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ और उनके बयानों और फैसलों के कारण छायी अनिश्चितता है। ट्रंप एक दिन टैरिफ लगाते हैं, अगले दिन उसे बढ़ा देते हैं और फिर वापस लेने का ऐलान भी कर देते हैं। साथ में ये भी कहते हैं कि ये रोक सिर्फ फौरी तौर पर है, आगे टैरिफ की दरें और बढ़ेंगी। बाजार में इसे लेकर अनिश्चितता बढ़ी हुई है। आज कोई भी जानकार ये अंदाजा लगा ही पा रहा है कि ट्रंप आगे क्या करेंगे। वो टैरिफ लगायेंगे या हटायेंगे। अभी ट्रंप ने टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है, हालाँकि चीन पर ये रोक नहीं है, लेकिन आगे कब उनका फैसला बदल जाएगा ये कोई कह नहीं सकता।

2) सोने की कीमतों में तेजी का दूसरा सबसे बड़ा कारण है वैश्विक केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद। दुनियाभर के सेंट्रल बैंक जम कर सोना खरीद रहे हैं जिसमें भारत और चीन जैसे देश भी शामिल हैं। आँकड़े बताते हैं कि पिछले 3 सालों में सेंट्रल बैंकों ने 1000 टन से भी ज्यादा सोना खरीदा है। और जहाँ तक चीन की बात है तो उसने सितंबर-अक्टूबर में सोने की खरीद को रोक दिया था लेकिन नवंबर से लगातार सोना खरीदे जा रहा है।

3) तीसरा सबसे कारण है मंदी की चिंताएँ। दुनिया, यहाँ तक की अमेरिका का फेडरल रिजर्व भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था में स्टैगफ्लेशन की आशंकाओं को लेकर चिंतित है। इसमें महँगाई बढ़ जाती है और ग्रोथ गिर जाती है। ऐसे हालात सोने के लिए अच्छे साबित होते हैं।

4) डॉलर में कमजोरी भी सोने की कीमतों को सपोर्ट कर रही है। कभी 108 के स्तरों पर कारोबार करने वाला डॉलर इंडेक्स आज 100 के नीचे फिसल गया है।

(शेयर मंथन, 16 अप्रैल 2025)

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