कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में एशियाई शेयर बाजारों में मिला-जुला रुख है।
कारोबारी सप्ताह के आखरी दिन शुक्रवार को एशियाई शेयर बाजारों में भारी कमजोरी दिख रही है।
मंगलवार को शुरुआती कारोबार में एशियाई बाजारों में गिरावट दिख रही है।
अमेरिकी बाजार के बाद तकनीकी शेयरों में बिकवाली का असर आज एशियाई बाजारों में भी देखने को मिल रहा है।
कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन मंगलवार को एशियाई बाजारों में कमजोरी देखने को मिल रही है।
कारोबारी सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को एशियाई बाजारों में कमजोरी देखने को मिल रही है।
कच्चे तेल की कीमतों में आयी 2% से अधिक गिरावट के बाद बुधवार को एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबार के दौरान कमजोर शुरुआत हुई है।
अमेरिकी बाजार में गिरावट के बाद बुधवार को एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबार के दौरान कमजोर शुरुआत हुई है।
कारोबारी सप्ताह के आखरी दिन शुक्रवार को एशियाई बाजारों में कमजोरी दिख रही है।
मंगलवार को एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई है।
अमेरिकी बाजार में गिरावट से बुधवार को एशियाई बाजारों में भी कमजोर शुरुआत हुई है।
अमेरिकी बाजार में गिरावट से गुरुवार को एशियाई बाजारों में भी कमजोर शुरुआत हुई है।
अमेरिका की ओर से 200 अरब डॉलर के अतिरिक्त चीनी सामानों पर शुल्क लगाये जाने की संभावना से एशियाई बाजारों में कमजोरी आयी है।
कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को शुरुआती सत्र में एशियाई बाजारों में कमजोरी है।
फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले मंगलवार को एशियाई बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है।
कारोबारी सप्ताह के आखरी दिन शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट के साथ शुरुआत हुई है।
अमेरिकी शेयर बाजार से मिले कमजोर संकेतों के कारण बुधवार को शुरुआती कारोबार में एशियाई बाजार में कमजोरी है।
अमेरिकी बाजार में गिरावट से आज बुधवार को एशियाई बाजारों में कमजोर शुरुआत हुई है।
अमेरिका-चीन के बीच बरकरार व्यापार तनाव के कारण एशियाई बाजार गुरुवार को दबाव में दिख रहे हैं।
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सितंबर 2024 से मार्च 2025 तक निफ्टी 50 में 16.4%, निफ्टी मिडकैप 100 में 23.1% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 27% की गिरावट दर्ज हुई है। क्या इस गिरावट ने बाजार में ‘सेल’ वाली स्थिति ला दी है?
निवेश मंथन के फरवरी 2025 अंक की आमुख कथा यह बता रही है कि सालाना 12 लाख रुपये से ऊपर भी आपकी आय करमुक्त कैसे रह सकती है। जी हाँ, 12 लाख तक ही नहीं, इससे अधिक कमाई पर भी संभव है शून्य आय कर।