Expert Shomesh Kumar: कारोबार जगत जब भी अधिग्रहण होता है, तो खरीदी हुई कंपनी को अपने कारोबार के साथ समाहित करने की एक समयावधि होती है। इसके अलावा इसमें पहले पैसा अपने पास से जाता है। उसके बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होती है और फिर कंपनी नयी रूपरेखा के साथ काम शुरू करती है। इसमें समय लगता है।
ताजा उदाहरण में अभी एचडीएफसी बैंक के साथ जो हो रहा है, ऐसा ही कुछ इसके साथ भी है। बाजार को अभी कंपनी के इस कदम पर शंका है। कंपनी का यह फैसला जब बाजार के नजरिये से सही साबित हो जायेगा, तो स्टॉक में भी चाल आ जायेगी।
(शेयर मंथन, 10 मई 2024)
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