हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) के तिमाही नतीजों से बाजार को निराशा हाथ लगी है।
एंजेल ब्रोकिंग के रिसर्च विश्लेषक वी. श्रीनिवासन के मुताबिक कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में हिंदुस्तान यूनिलीवर के नतीजे निराशाजनक रहे हैं। घरेलू उपभोक्ता कारोबार में कंपनी की बिक्री की मात्रा में 5% की बढ़ोतरी हुई है, जो कि पिछले तीन सालों में सबसे कम है। हालाँकि कंपनी की कुल बिक्री साल-दर-साल 10% बढ़ कर 6434 करोड़ रुपये रही है, जबकि कंपनी के साबुनों और डिटर्जेंट की बिक्री के कम मार्जिन ने बिक्री की विकास दर 20% बढ़ायी है। कच्चे माल की लागत और विज्ञापन और प्रचार-प्रसार पर 132 करोड़ रुपये के अत्यधिक व्यय से कंपनी की ओपीएम सालाना आधार पर 122 बीपी की गिरावट आयी है। कंपनी का मुनाफा 15% बढ़ कर 871 करोड़ रुपये रहा है। ब्रोक्रिंग फर्म ने कंपनी के शेयर बारे में अपनी राय "उदासीन" रखी है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में हिंदुस्तान यूनिलीवर की बिक्री और मुनाफे के आँकड़े उसकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। बिक्री की मात्रा में 5% इजाफे की वजह से कंपनी की आय में साल-दर-साल 9.9% की बढ़ोतरी के साथ 6433.7 करोड़ रुपये रही। इस बिक्री में साबुन एवं डिटर्जेंट और पेय पदार्थ का योगदान महत्वपूर्ण रहा। इनकी बिक्री में साल-दर-साल क्रमश: करीब 20% और 18% का इजाफा हुआ। वहीं पर्सनल केयर प्रोडक्ट और फूड्स की बिक्री में बढ़ोतरी कम हुई। इनकी बिक्री में साल-दर-साल क्रमश: करीब 13% और 8% का इजाफा हुआ। कंपनी का मार्जिन 16.4% रहा, जो हमारी उम्मीद के अनुसार रहा। कंपनी ने अन्य आय 80.1 करोड़ रुपये से बढ़ कर 133.7 करोड़ रुपये रही है। कंपनी का मुनाफा 15.6% की बढ़ोतरी के साथ 871.4 करोड़ रुपये रहा है, जोकि हमारी उम्मीदों से कमजोर है। (शेयर मंथन, 22 जनवरी 2013)
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