वित्त वर्ष 2012-13 में आर्थिक विकास दर का अनुमान घटाये जाने की वजह से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
सेंसेक्स (Sensex) 59 अंक यानी 0.30% की गिरावट के साथ 19,580 पर बंद हुआ। निफ्टी (Nifty) 20 अंक यानी 0.34% की कमजोरी के साथ 5939 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.81% की कमजोरी रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.88% और बीएसई स्मॉलकैप 1.34% की गिरावट रही। आज के कारोबार में कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल्टी क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
नकारात्मक एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत भी गिरावट के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में बाजार में गिरावट में कारोबार होता रहा। हालाँकि कारोबार के दूसरे घंटे में बाजार हरे निशान पर लौटने में कामयाब रहा। इस दौरान सेंसेक्स 19,703 और निफ्टी 5978 पर दिन के ऊपरी स्तरों तक चढ़ गये, लेकिन बाजार ज्यादा देर तक इस मजबूती पर टिक नहीं सका और वापस लाल निशान पर फिसला। मजबूत यूरोपीय संकेतों के बावजूद बाजार में गिरावट जारी रही। सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2012-13 में आर्थिक विकास दर का अनुमान घटा कर 5% करने की खबर से बाजार पर दबाव बढ़ा। इसके बाद जैसे-जैसे कारोबार बढ़ता गया, बाजार की गिरावट भी बढ़ती चली गयी। हालाँकि, दोपहर बाद के कारोबार में बाजार ने सँभलने की कोशिश की, लेकिन इसके बाद इसमें दोबारा गिरावट बढ़ी। इस दौरान सेंसेक्स 19,540 और निफ्टी 5928 पर दिन के निचले स्तरों पर रहे। कारोबार के आखिरी घंटें में बाजार की गिरावट में थोड़ी कमी आयी। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी आज के कारोबार के अपने निम्न स्तरों से सँभल कर बंद हुए।
क्षेत्रों के लिहाज से आज कंज्यूमर ड्यूरेबल्स क्षेत्र को सबसे ज्यादा 3.34% का घाटा पहुँचा। रियल्टी में 1.47%, पावर में 1.39%, धातु में 1.16% और कैपिटल गुड्स में 1.12% की गिरावट रही। पीएसयू में 0.94%, हेल्थकेयर में 0.84%, तेल-गैस में 0.78%, बैंकिंग में 0.50% की कमजोरी रही। टीईसीके में 0.04% की हल्की कमजोरी रही। दूसरी ओर, आईटी में 0.63% की मजबूती रही। ऑटो में 0.30% की बढ़त रही। एफएमसीजी में 0.03% की मामूली बढ़त रही। (शेयर मंथन, 07 फरवरी 2013)
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