भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बावजूद कर्ज जल्द सस्ता न होने की संभावनाओं से भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए।
सेंसेक्स (Sensex) 160 अंक यानी 0.81% की गिरावट के साथ 19,576 पर बंद हुआ। निफ्टी 55 अंक यानी 0.92% की गिरावट के साथ 5944 पर रहा। सीएनएक्स मिडकैप सूचकांक में 0.20% की कमजोरी रही। बीएसई के मिडकैप सूचकांक में 0.26% और बीएसई स्मॉलकैप में 0.39% की कमजोरी रही। आज के कारोबार में बैंकिंग और पीएसयू क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बिकवाली का रुख रहा।
मिले-जुले एशियाई संकेतों के बीच घरेलू बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई। शुरुआती कारोबार में आरबीआई की मौद्रिक नीतिगत बैठक से पहले बाजार में गिरावट बढ़ी। आरबीआई द्वारा रेपो दर में मात्र 0.25% की कटौती से बाजार को निराशा हाथ लगी। आरबीआई ने रेपो दर (Repo Rate) और रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) में 0.25%-0.25% अंक की कटौती की है। रेपो दर 7.50% से घट कर 7.25% पर आ गया है। इसी तरह रिवर्स रेपो दर भी 6.50% से घट कर 6.25% पर आ गया है, लेकिन आरबीआई ने नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में कोई बदलाव नहीं किया है। सीआरआर 4% पर कायम है। हालाँकि, इसके बाद बाजार की गिरावट में थोड़ी कमी आयी। इस दौरान सेंसेक्स हरे निशान पर लौटने में कामयाब रहा। निफ्टी 6000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को छू गया। इस दौरान सेंसेक्स 19,745 और निफ्टी 6000 पर दिन के ऊपरी स्तरों पर रहे। आरबीआई द्वारा भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम होने के संकेत मिलने से बाजार पर दबाव बढ़ा। सेंसेक्स में लाल निशान के ऊपर-नीचे कारोबार होता रहा। निफ्टी 6000 के स्तर से नीचे चला गया। यूरोपीय बाजारों से स्पष्ट संकेत न मिलने से भी बाजार में दबाव बना रहा। कारोबार के आखिरी घंटों में बाजार की गिरावट गहरायी। इस दौरान सेंसेक्स 19,543 और निफ्टी 5930 पर दिन के निचले स्तरों तक लुढ़क गये। आखिरकार सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए।
क्षेत्रो के लिहाज से आज बैंकिंग को सबसे ज्यादा 2.40% का घाटा हुआ। पीएसयू में 1.52%, ऑटो में 1.50%, रियल्टी में 1.39% और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 1.06% की गिरावट रही। तेल-गैस में 0.99%, पावर में 0.59% और एफएमसीजी में 0.35% की कमजोरी रही। दूसरी ओर, धातु में 1.44% की मजबूती रही। कैपिटल गुड्स में 0.92%, टीईसीके में 0.49%, आईटी में 0.44% और हेल्थकेयर में 0.22% की बढ़त रही। (शेयर मंथन, 03 मई 2013)
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